लालमुनी चौबे नाम मात्र के नहीं, बल्कि विचार और आचरण से भी एक सच्चे मुनी थे - राज्यपाल

पूर्व सांसद लालमुनी चौबे के नौवी पूण्य तिथि पर बक्सर के नगर भवन में एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शामिल हुए।

लालमुनी चौबे नाम मात्र के नहीं, बल्कि विचार और आचरण से भी एक सच्चे मुनी थे - राज्यपाल

- बक्सर के पूर्व सांसद स्व. लालमुनी चौबे की मनाई गई नौवी पूण्यतिथि, बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां

केटी न्यूज/बक्सर   

पूर्व सांसद लालमुनी चौबे के नौवी पूण्य तिथि पर बक्सर के नगर भवन में एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि आज हम सभी स्वर्गीय लालमुनी चौबे की पुण्य स्मृति में एकत्रित हुए हैं। मुझे भी सौभाग्य प्राप्त हुआ कि मैं उन्हें निकट से देख सका, उनके विचारों को सुन सका, और उनकी कार्यशैली को समझ सका। मनोज भाई ने जो श्रद्धांजलि अर्पित की है, मैं उससे पूर्णतः सहमत हूं और अपनी भावनाओं को भी उनसे जोड़ता हूं।

राज्यपाल ने कहा कि स्व. लालमुनी चौबे केवल नाम से ही नहीं बल्कि विचार व आचरण से भी ‘मुनी’ ( संत ) थे, उनका संपूर्ण जीवन संत प्रवृत्ति और उच्च आदर्शों से परिपूर्ण था। उनके विचार और सिद्धांत भारतीय संस्कृति और परंपराओं के सच्चे प्रतिनिधि थे।हमारे प्राचीन मनीषियों ने जिस आदर्श राजनीति की कल्पना की थी, उसमें त्याग, सेवा और निस्वार्थ भाव प्रमुख थे, और लालमुनी चौबे ने इन मूल्यों को अपने जीवन में पूर्णतः आत्मसात किया।

उनकी मित्रता केवल सीमित दायरे तक नहीं थी, बल्कि वह अपने विचारों के कारण सभी के प्रिय और सम्मानित थे। वे मानते थे कि आत्मा अमर है, और इसी आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ उन्होंने अपना जीवन जीया। उन्होंने हर व्यक्ति में परमात्मा का अंश देखा और कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। उनके व्यक्तित्व में करुणा, ज्ञान और कर्तव्यपरायणता का अद्भुत समन्वय था।आज, हम सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए यह संकल्प लें कि उनके बताए मार्ग पर चलें और समाज व राष्ट्र के कल्याण के लिए कार्य करें। मैं पुनः स्वर्गीय लालमुनी चौबे को नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।

वहीं, इस सभा में पहुंचे जम्मू के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि भारतीय राजनीति में स्वर्गीय लालमुनि चौबे को मैं योगिराज कहता हूं। उनके व्यक्तित्व में अनेक राजनीतिक गुणों का समावेश था, और उन्होंने अपने विचारों एवं सिद्धांतों से समाज और राजनीति को एक नई दिशा दी। उन्होंने राजनीति को केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का एक सशक्त उपकरण माना।

बाबा लालमुनी जैसे योगीराज नेता विरले ही होते हैं। वे राजनीति में केवल जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले नहीं, बल्कि उनके निर्माणकर्ता भी थे। राजनीति में अनेक उतार-चढ़ाव आए, कई आंदोलन हुए, लेकिन चौबेजी हमेशा अपने सिद्धांतों और विचारों के प्रति अडिग रहे। उनके प्रभाव से चुनावी राजनीति में मतभेद तो होते थे, लेकिन वे विचारों की स्वतंत्रता को महत्व देते थे और सभी को एक साथ लेकर चलने में विश्वास रखते थे। वे एक कुशल नेतृत्वकर्ता थे, जिन्होंने आंदोलनों का नेतृत्व किया और छात्र-हितों के लिए संघर्षरत रहे।

वे जीवन पर्यंत समाज की सेवा में समर्पित रहे और एक न्यायसंगत व्यवस्था के लिए कार्य करते रहे। बिहार से लेकर वाराणसी तक, वे भूमिगत आंदोलनों में सक्रिय रहे। गंगा स्नान उनका प्रतिदिन का नियम था, वे अस्सी घाट पर स्नान कर जा रहे थे तभी राजघाट पर गिरफ्तार कर लिए गए। वे बार-बार यह कहते थे कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच सहयोग के एक मजबूत ढांचे की कल्पना की और उसे साकार भी किया।

लालमुनी चौबे का जीवन आध्यात्मिकता और सार्वजनिक सेवा का अनूठा संगम था। वे समाज में समानता और सुधार के प्रबल पक्षधर थे। उनके विचार और सिद्धांत समाज को नई दिशा देने वाले थे। लोकसभा में 23 दिसंबर 2005 को महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान उन्होंने समाजवादी नेता स्व.  मुलायम सिंह यादव जी को यह कहते हुए जवाब दिया था कि समाजवाद व लोहिया वादी केवल एक विचारधारा नहीं, बल्कि एक परिवार की तरह होना चाहिए, जहां सभी को समान स्थान मिले। इससे पहले सभी मुख्य अतिथियों ने स्व. चौबे के तैल्यचित्र पर पुष्पांजली कर श्रद्धांजली अर्पित की 

इससे पहले सभा मे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल, भाजपा के मिथिलेश तिवारी, पूर्व मंत्री संतोष निराला, जदयू जिलाध्यक्ष अशोक सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन, स्व.लालमुनि चौबे के पुत्र शिशिर चौबे आदि नेताओं ने संबोधित किया तथा स्व. लालमुनी चौबे को राजनीति का संत बताया। इस मौके पर भाजपा के सैकड़ो कार्यकर्ता मौजूद थे।