नरेंद्र मोदी का शपथ ग्रहण समारोह: शपथ के बाद काशी यात्रा की संभावना
नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी का वाराणसी दौरा संभावित है। माना जा रहा है कि 10 या 11 जून को पीएम मोदी काशी जा सकते हैं, जहां वह बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन और अन्य मंदिरों का भी दर्शन-पूजन करेंगे। साथ ही पीएम मोदी गंगा आरती में भी शामिल हो सकते हैं।
केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी का वाराणसी दौरा संभावित है। माना जा रहा है कि 10 या 11 जून को पीएम मोदी काशी जा सकते हैं, जहां वह बाबा विश्वनाथ का दर्शन-पूजन और अन्य मंदिरों का भी दर्शन-पूजन करेंगे। साथ ही पीएम मोदी गंगा आरती में भी शामिल हो सकते हैं।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र संभवतः 15 जून के आसपास शुरू होगा। जून के तीसरे सप्ताह में सदन के सदस्यों के रूप में नवनिर्वाचित उम्मीदवारों द्वारा शपथ लेने की प्रक्रिया शुरू होगी और यह दो दिनों तक चलने की संभावना है। इसके बाद एक नया अध्यक्ष भी चुना जाएगा। इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नियुक्त किया। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने राष्ट्रपति को भाजपा संसदीय दल के नेता के रूप में मोदी के चुनाव पर एक पत्र सौंपा और एनडीए नेताओं ने अपने समर्थन पत्र सौंपे।
सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि पीएम मोदी के कैबिनेट में कौन-कौन शामिल होंगे। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में लगभग 15 पद एनडीए के सहयोगियों को मिल सकते हैं। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण से पहले गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा शुरू कर दी है। शुक्रवार शाम को भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह और राजनाथ सिंह, तथा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, सहयोगियों के साथ नड्डा के आवास पर चर्चा कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार, बैठकें आमने-सामने हो रही थीं। पहली बैठक एनसीपी के अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और समीर भुजबल के साथ हुई, उसके बाद आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के साथ।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा गृह, विदेश, रक्षा और वित्त जैसे शीर्ष रायसीना हिल मंत्रालयों के साथ-साथ रेलवे, सड़क परिवहन, कानून, सूचना प्रौद्योगिकी और शिक्षा जैसे कुछ अन्य प्रमुख मंत्रालयों को भी अपने पास रखना चाहती है।
इस बार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर विशेष तैयारी की गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी का काशी दौरा उनके वाराणसी से सांसद होने के नाते विशेष महत्व रखता है। बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन से धार्मिक आधार पर एक महत्वपूर्ण संदेश जाएगा, जो भाजपा के हिंदुत्व एजेंडे को मजबूत करेगा। गंगा आरती में शामिल होना भी उनकी धार्मिक आस्था को प्रदर्शित करेगा और उनके समर्थकों के बीच लोकप्रियता को बढ़ावा देगा।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता, एनडीए के प्रमुख सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रपति भवन में होने वाले इस शपथ ग्रहण समारोह को भव्यता से आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण और संभावित काशी यात्रा के संदर्भ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। वाराणसी में भी सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया जा रहा है।
इस प्रकार, नरेंद्र मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेना और उसके बाद काशी यात्रा का संभावित कार्यक्रम देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा और एनडीए के सहयोगी दल इस अवसर पर अपनी एकजुटता और समर्थन का प्रदर्शन कर रहे हैं, जो आगामी चुनौतियों का सामना करने में सहायक होगा।