बक्सर में आठ उम्मीदवारों को पछाड़ कर सातवें पायदान पर पहुंचा नोटा

बक्सर में आठ उम्मीदवारों को पछाड़ कर सातवें पायदान पर पहुंचा नोटा

- 9617 लोगों ने इस बार पसंद किया नोटा का विकल्प

केटी न्यूज/डुमरांव 

बक्सर लोकसभा क्षेत्र के चुनाव में इस बार भी नोटा ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करायी है। कुल छह विधानसभाओं वाले संसदीय इलाके में नोटा ने इस बार आठ उम्मीदवारों को पछाड़ 9617 मत पाकर सातवें पायदान पर रहा। लोकसभा चुनाव में कुल 14 उम्मीदवार चुनावी समर में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में नोटा विकल्प का भी अपना एक चुनाव चिन्ह था। ईवीएम मशीन पर सबसे आखिरी विकल्प के तौर पर नोटा का बटन बनाया गया था,

जिस पर वोटरों ने इनमें से कोई नही या नोटा विकल्प के पक्ष में अपनी भागीदारी निभाई। आठ निर्दलीय उम्मीदवारों के वोटों से ज्यादा वोट नोटा के पक्ष में पड़े। हालांकि नोटा से आगे छह उम्मीदवार है, जिनमें महागठबंधन के राजद प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने 438345 मत लाकर विजयी रहे। तो दूसरे स्थान पर एनडीए समर्थित भाजपा उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी 408254 मत, तीसरे स्थान पर बसपा के अनिल कुमार 114714 मत, चौथे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में

पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा 47409 मत, पांचवे स्थान पर पूर्व मंत्री ददन यादव 15836 मत और छठे स्थान पर सुधाकर मिश्रा 12749 मत प्राप्त किये। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में नोटा को 16447 मत मिले थे। गौरतब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा भाजपा, राजद तथा बसपा के बाद चौथे नंबर पर था। हालांकि, उस मुकाबले इस बार नोटा को कम मतदाताओं ने तरजीह दी है।

क्या है नोटा

जब मतदाताओं को कोई उम्मीदवार पसंद नहीं आए तो नोटा बटन का इस्तेमाल कर सकते है। इसका मतलब होता है कि इनमें से कोई प्रत्याशी पसंद नहीं है। निर्वाचन आयोग ने सबसे पहले नोटा को वर्ष 2014 में ईवीएम में शामिल किया था। तब से मतदाताओं के बीच नोटा दबाने की चलन सी बन गई है।