अब चार दिनों तक खूब पड़ेगी गर्मी, बारिश की कोई उम्मीद नहीं, बिहार में कमजोर पड़ गया मानसून

पटना के मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बात कह दी जिससे आम आदमी से भी ज्यादा किसानों की नींद उड़ गई है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि राज्य में मानसून के कमजोर होने से फिलहाल प्रदेश में वर्षा की कोई उम्मीद नहीं है। वर्षा न होने से वातावरण में उमस बढ़ेगी। जानिए कहां कितना रहा तापमान।

अब चार दिनों तक खूब पड़ेगी गर्मी, बारिश की कोई उम्मीद नहीं, बिहार में कमजोर पड़ गया मानसून

केटी न्यूज, पटना :  प्रदेश का मौसम काफी तेजी से बदल रहा है। फिलहाल राज्य में मानसून काफी कमजोर पड़ गया है। ऐसे में, पटना के मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी बात कह दी जिससे आम आदमी से भी ज्यादा किसानों की नींद उड़ गई है। अगले चार दिनों तक राज्य में वर्षा के आसार बहुत कम है। हालांकि, वातावरण में व्याप्त नमी, धूप के संपर्क में आने के बाद उमस बढ़ायेगी। अगले चार दिनों में राज्य के तापमान में भी दो से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। इससे राज्य के लोगों को दिन में काफी परेशानी हो सकती है।

 

वातावरण में उमस बढ़ेगी

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पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों का कहना है कि राज्य में मानसून के कमजोर होने से फिलहाल प्रदेश में वर्षा की कोई उम्मीद नहीं है। वर्षा न होने की स्थिति में वातावरण शुष्क हो सकता है। इससे वातावरण में उमस बढ़ेगी। पिछले चौबीस घंटे में सुपौल में 10 मिलीमीटर, किशनगंज में 6.4 मिलीमीटर एवं ठाकुरगंज में 2.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। फिलहाल मानसून की ट्रफ लाइन नेपाल की तराई से गुजर रही है। वही पूरे राज्य में बक्सर सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। बक्सर में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, छपरा में न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। राजधानी पटना में अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। चार दिनों तक राज्य में अधिकतम तापमान 32 से 36 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।

गंडक के किनारे रहने वाले लोगों को सावधानी की जरूरत

मौसम वैज्ञानिकों ने चेताया है कि गंडक, कमला-बलान, कोसी, बूढ़ी गंडक, बागमती के किनारे रहने वाले लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। इन नदियों में अचानक पानी बढ़ सकता है। क्योंकि नेपाल के तराई वाले इलाके में आजकल वर्षा की संभावना काफी बढ़ गई है। ऐसे में, नेपाल से निकलने वाली नदियों में अचानक बाढ़ आ सकती है।