सड़क जाम लोगों को पकड़ा महंगा, एसडीओ ने दर्ज कराया 104 लोगों पर एफआईआर
- बक्सर एसडीओ के एक्शन के बाद गजाधरगंज मोहल्ले के लोगों में हड़कंप मच
- सभी चिह्नित नामजद लोगों से वसूला जाएगा पांच-पांच हज़ार रुपए सामूहिक जुर्माना
- एसडीओ ने कहा - महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों का आवागमन बलपूर्वक किया गया बाधित
केटी न्यूज/बक्सर
शहर के गजाधर गंज मोहल्ले में नालियां जाम रहने और जल निकासी की समस्या पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन करना मोहल्ले के लोगों को महंगा पड़ गया है। लोगों द्वारा किए गए सड़क जाम से यातायात प्रभावित होने तथा लोगों को परेशानी होने के हवाला देकर अनुमंडल प्रशासन ने कड़ा एक्शन लिया है। अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा के द्वारा कुल 104 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी टाउन थाना में दर्ज कराई गई है। साथ ही, सभी चिह्नित नामजद लोगों से पांच-पांच हज़ार सामूहिक जुर्माना भी वसूला जाएगा। अनुमंडल प्रशासन ने आरोप लगाया है कि बीते 30 नवंबर को स्थानीय लोगों ने बिना अनुमति अथवा पूर्व सूचना के सड़क जाम कर दिया था। जिस चलते आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
लोगों को दूसराें के मूलभूत अधिकारों से वंचित करने का अधिकार नहीं
अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रेषित पत्र में बताया गया है कि शहर के गजाधरगंज मुहल्ला के नाली सफाई नही होने के कारण सिड्डू मियां कल्लू साह दीपक गुप्ता पप्पू अंसारी एवं अन्य लगभग 100 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा बीते 30 नवंबर को बक्सर शहर के स्टेशन रोड को (गजाधरगंज के पास) घंटों आवागमन बाधित रखा गया। उक्त धरना प्रदर्शन की सूचना आवेदन उन्हें नहीं दी गयी थी। फलस्वरूप आमजन को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। इस चलते इस मार्ग पर परिचालन भी प्रभावित हुआ। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा है कि यदि कोई जायज शिकायत है, तो पीड़ित व्यक्ति व्यक्तियों को दूसरे हजारों नागरिकों का यातायात एवं जीवन बाधित करने तथा उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित करने का अधिकार नहीं है। अचानक धरना और सड़क जाम करने से चार घंटे तक आम नागरिकों महिलाओं बच्चों बुजुर्गों और मरीजों का आवागमन बलपूर्वक बाधित किया गया। जिस चलते लोगों का जीवन कष्टप्रद हुआ।
आदेश की अवमानना करने की छूट नहीं दी जा सकती
माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के कई न्याय निर्णयों में यह स्पष्ट किया गया है कि घटना प्रदर्शन के क्रम में यातायात को बाधित नहीं किया जाएगा। यह उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का खुली अवमानना है। अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा है कि किसी व्यक्ति को खुलेआम माननीय न्यायालयों के आदेश की अवमानना करने की छूट नहीं दी जा सकती। कार्यक्रम के आयोजन के दौरान अगर किसी प्रकार से विधि-व्यवस्था या लोक-शांति भंग होती है, तो उसकी जिम्मेवारी आयोजक के साथ-साथ अन्य सम्मिलित सदस्यों की भी होगी। नियम के उल्लंघन पर 5000 रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी के इस एक्शन से मोहल्ले के लोगों में हड़कंप मच गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद मोहल्ले के लोग इस मुसीबत से बचने के प्रयास तलाशने लगे हैं।