मूलभूत सुविधाओं से वंचित एसएफसी गोदाम के मजदूरों ने किया हंगामा

डुमरांव प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित एसएफसी गोदाम के मजदूरों ने सोमवार को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण हंगामा शुरू करते हुए काम बंद कर दिया।

मूलभूत सुविधाओं से वंचित एसएफसी गोदाम के मजदूरों ने किया हंगामा

- शौचालय और पेयजल व्यवस्था की कर रहे थे मांग, बोले मजदूर एसएफसी ने मजदूरों को नहीं दिया है मुलभूत सुविधाएं

केटी न्यूज/डुमरांव  

डुमरांव प्रखंड कार्यालय परिसर में स्थित एसएफसी गोदाम के मजदूरों ने सोमवार को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण हंगामा शुरू करते हुए काम बंद कर दिया। मजदूरों का कहना है कि वर्षों काम करते हुए हो गया, लेकिन अभीतक शौचालय, पेयजल और विश्रामालय की व्यवस्था नहीं हो सकी है।

आज भी मजदूर खुले में शौच करने के लिये विवश हैं। जबकि सरकार खुले में शौच नहीं करने के लिये आदेश जारी करते हुए इसकी व्यवस्था करने के लिये आदेश बहुत पहले ही दे रखा है। उस आदेश का पालन एफसीआई गोदाम में काम करने वाले मजदूरों को नहीं मिल रहा है। जिस कारण मजदूरों की जिंदगी जिल्लत भरी हो गई है। मजदूरों ने कहा कि उन्हें पेयजल, शौचालय जैसी मुलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए।

मजदूरों ने कहा कि उनके सहारे ही एसएफसी गोदाम का काम संचालित होता है। बाहर से अनाज आने या फिर उसे गोदाम से पीडीएस दुकानदारों के वाहन लादने का महत्वपूर्ण कार्य वे करते है। मजदूरों ने कहा कि यदि हम काम बंद कर दें तो अनाज न तो गोदाम में रखा पाएगा और न ही यहां से उठकर पीडीएस दुकानों तक जाएगा। बावजूद प्रबंधन हमारी सुविधाओं की तरफ ध्यान नहीं देता है। 

मालूम हो कि जनवितरण प्रणाली के दुकानदारों को अनाज उठाव के लिये प्रखंड कार्यालय में एफसीआई का गोदाम बनाया गया है। उसी गोदाम से दुकानदार खाद्यान का उठाव करते हैं। गोदाम में पटना से आने वाले आनाज की लोडिंग और ऑनलोडिंग मजदूरों के द्वारा किया जाता है। इन मजदूरों के लिये नहीं कोई शौचालय, पेयजल और विश्राम करने के लिये विश्रामालय की व्यवस्था की गई है।

इसी व्यवस्था को करने को लेकर सोमवार को गोदाम के मजदूर काम बंद कर हंगामा करने लगे थे। कुछ समय के लिये गोदाम में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई थी। फिर गोदाम के प्रबंधक ने उन्हें शांत करते हुए बताया की शौचालय और पेयजल की व्यवस्था शीघ्र किया जाएगा, इसका आदेश आ चुका है,

स्थल का भी चयन हो चुका है। फिर आराम करने के विषय में जब मजदूरों ने पूछा तो बताया गया की आपकी इस मांग को भी पूरा करने के लिये वरीय पदाधिकारियों के पास भेजा जएगा। काम कर रहे मजूदूर श्याम बिहरी, सुखराम, बिन्ध्याचल, ढुनमुन, हरेराम, धनु सहित अन्य का कहना है कि शौचालय नहीं रहने के कारण खुले में शौच करने के लिये नहर के किनारे जाना पड़ता है।

वहीं पेयजल के लिये पूरे प्रखंड का चक्कर लगाना पड़ता है। जाड़, गर्मी और बरसात में मजदूरों के आराम करने के लिये भवन नहीं होने के कारण मजदूर बोरा के छल्ली के उपर सोने में मजबूर हो जाते हैं। गर्मी में तो पंखा की व्यवस्था नहीं होने से आराम भी हराम हो जाता है।