कूड़े के ढेर में आग लगाने वाले एनजीओ की मनमानी, नहीं दिया शो-कॉज का जबाव

डुमरांव नगर परिषद में कूड़े का उठाव करने वाली एजेंसी न सिर्फ कूड़ा के उठावा व उसके निस्तारण में मनमानी कर रही है बल्कि खुलेआम एनजीटी के अधिनियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ ही ईओ के फरमान को भी दरकिनार कर रही है।

कूड़े के ढेर में आग लगाने वाले एनजीओ की मनमानी, नहीं दिया शो-कॉज का जबाव

- बोले ईओ भजेंगे रिमाइंडर, जबाब नहीं मिलने पर नगरपालिका अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई

केटी न्यूज/डुमरांव 

डुमरांव नगर परिषद में कूड़े का उठाव करने वाली एजेंसी न सिर्फ कूड़ा के उठावा व उसके निस्तारण में मनमानी कर रही है बल्कि खुलेआम एनजीटी के अधिनियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ ही ईओ के फरमान को भी दरकिनार कर रही है। 

मामला नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र नया भोजपुर के डुमरी मार्ग मे खुलेआम कूड़ा जलाए जाने पर ईओ द्वारा कार्य एजेंसी को दिए गए स्पष्टीकरण का है। एजेंसी ने निर्धारित समय तक ईओ द्वारा जारी किए गए शो-कॉज का जबाव नहीं दिया है। जिस पर ईओ सख्त हो गए है। उन्होंने कहा कि दुबारा एजेंसी को रिमाइंडर भेजा जाएगा और जबाव नहीं देने पर एजेंसी के खिलाफ एकरारनामे के मुताबिक सख्त कार्रवाई नगर पालिका अधिनियम के तहत की जाएगी। 

बता दें कि डुमरांव नगर परिषद की सफाई एजेंसी द्वारा एनजीटी की गाइड लाइन को दरकिनार कर पहले नया भोजपुर में कोलिया ताल के किनारे कूड़ा का डंप किया गया। इससे उठने वाले दुुर्गंध से परेशान राहगीरों व स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत की तो एजेंसी ने कूड़े का वहां से हटा समुचित निस्तारण के बदले उसे यूं ही खुले में जला दिया। इसके बाद 16 मई को ईओ मनीष कुमार ने शो-कॉज जारी करते हुए एजेंसी से 24 घंटे में जबाव मांगा था, लेकिन एजेंसी द्वारा आज तक इसका जबाव नहीं दिया गया।  

इस पर नाराज ईओ मनीष कुमार ने स्पष्ट किया कि यह लापरवाही न केवल संविदा की शर्तों का उल्लंघन है, बल्कि पर्यावरणीय नियमों की अवहेलना भी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एनजीओ को एक बार फिर रिमाइंडर नोटिस भेजा जाएगा। यदि इसके बाद भी जवाब नहीं दिया गया, तो अनुबंध के शर्तों एवं बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत आवश्यक विधिक कार्रवाई की जाएगी। 

मालूम हो कि नया भोजपुर डुमरी पथ पर लगी आग से न केवल आसपास के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि धुंए और बदबू के कारण वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है। स्थानीय नागरिकों ने इस पर प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की थी। नप ईओ मनीष कुमार का कहना है कि इस तरह की घटनाएं ना सिर्फ नगर की स्वच्छता व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है,

बल्कि एनजीटी के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के कारण संस्था पर कार्रवाई की तरफ भी इसारा कर रहा है। नगर प्रशासन अब इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करने के मूड में है। नगर परिषद ने यह भी संकेत दिया है कि यदि एनजीओ की ओर से असंतोषजनक जवाब आता है या जवाब नहीं आता है, तो उसका अनुबंध रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा सकती है।