सौरी-रोहीणिभान पथ हुआ जर्जर, हर रोज़ बढ़ रहा हादसों का खतरा

क्षेत्र का महत्वपूर्ण सौरी-रोहीणिभान पथ इन दिनों विकास योजनाओं की पोल खोलते हुए लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। जगह-जगह बने गड्ढों में जल जमाव के कारण सड़क का अधिकांश हिस्सा खराब हो चुका है, जिससे हर दिन दुर्घटना की आशंका और भी बढ़ती जा रही है। बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला यह मार्ग प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों की आवाजाही झेलता है, लेकिन सड़क की स्थिति ऐसी है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।

सौरी-रोहीणिभान पथ हुआ जर्जर, हर रोज़ बढ़ रहा हादसों का खतरा

-- न नाली बनी, न मरम्मत हुई, सड़क अब तालाब में बदलने की कगार पर

केटी न्यूज/राजपुर

क्षेत्र का महत्वपूर्ण सौरी-रोहीणिभान पथ इन दिनों विकास योजनाओं की पोल खोलते हुए लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। जगह-जगह बने गड्ढों में जल जमाव के कारण सड़क का अधिकांश हिस्सा खराब हो चुका है, जिससे हर दिन दुर्घटना की आशंका और भी बढ़ती जा रही है। बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला यह मार्ग प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों की आवाजाही झेलता है, लेकिन सड़क की स्थिति ऐसी है कि किसी भी वक्त बड़ा हादसा हो सकता है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री ग्राम्य सड़क योजना के तहत करीब 69 लाख की लागत से इस सड़क का निर्माण हुआ था, लेकिन निर्माण के बाद से आज तक इसकी कोई भी मरम्मत नहीं हुई। और तो और, सड़क के किनारे नाली तक नहीं बनाई गई, जिसके कारण घरों का गंदा पानी सीधे सड़क पर फैलता है और सालभर जल जमाव की स्थिति बनी रहती है। पानी का यह स्थायी प्रवाह सड़क की मजबूती को खत्म कर रहा है और ग्रामीणों के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन चुका है।

स्थानीय ग्रामीण वशिष्ठ राजभर, रामेश्वर राजभर, केशनाथ राजभर, जंग बहादुर राजभर, रमाकांत राजभर, गोपाल राजभर सहित कई लोगों ने बताया कि जल जमाव के कारण बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है, वहीं सड़क किनारे रहने वाले परिवार गंदे पानी के छींटों से परेशान हैं। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि चुनावी मौसम में जनप्रतिनिधियों का इस मार्ग से आना-जाना बढ़ गया है, लेकिन किसी ने भी समस्या समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द मरम्मत और नाली निर्माण का कार्य नहीं हुआ तो कुछ ही दिनों में यह पूरा मार्ग तालाब में बदल जाएगा और आवागमन पूरी तरह बाधित हो जाएगा। उनका कहना है कि सरकार विकास का दावा तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि एक छोटी सी उपेक्षा बड़ी समस्या बन चुकी है। लोग प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि सड़क पर बढ़ते हादसों और परेशानियों पर अंकुश लगाया जा सके।