नई सरकार आने के बाद एनजीओ ने शहर के भीतर डम्प कूड़े का उठाव किया शुरू

बिहार विधान सभा चुनाव में नगर परिषद की सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी। सफाई व्यवस्था केवल मुख्य सड़कों तक ही सिमट कर रह गया था। ऐसे में नगर परिषद जमकर खिल्ली उड़ रही थी। इतना ही नहीं सफाई सही नहीं होने की शिकायत नवनिर्मि विधायक राहुल कुमार सिंह के पास पहुंची तब नप के अधिकारी सक्रीय हुए। इधर हो रहे बदनामी को देखते हुए कार्यवाहक चेयरमैन सह उप चेयरमैन विकास ठाकुर भी इसमें अपनी सक्रियता दिखाई और डम्प कूड़े का उठाव करने के लिये एनजीओ पर जोर दिया, फिर गुरूवार को उसका उठाव शुरू हुआ।

नई सरकार आने के बाद एनजीओ ने शहर के भीतर डम्प कूड़े का उठाव किया शुरू

केटी न्यूज/डुमरांव।  

बिहार विधान सभा चुनाव में नगर परिषद की सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी। सफाई व्यवस्था केवल मुख्य सड़कों तक ही सिमट कर रह गया था। ऐसे में नगर परिषद जमकर खिल्ली उड़ रही थी। इतना ही नहीं सफाई सही नहीं होने की शिकायत नवनिर्मि विधायक राहुल कुमार सिंह के पास पहुंची तब नप के अधिकारी सक्रीय हुए। इधर हो रहे बदनामी को देखते हुए कार्यवाहक चेयरमैन सह उप चेयरमैन विकास ठाकुर भी इसमें अपनी सक्रियता दिखाई और डम्प कूड़े का उठाव करने के लिये एनजीओ पर जोर दिया, फिर गुरूवार को उसका उठाव शुरू हुआ।

सफाई एनजीओ के मनमानापूर्ण कार्य किये जाने को लेकर नगरवासियों में काफी आक्रोश है। इनका कहना है की सफाई के नाम पर लगभग 90 लाख प्रतिमाह खर्च होता है, लेकिन जिस दिन कार्य नहीं होता उस दिन की मजदूरी काटकार भुगतान होना चाहिए। एनजीओ कितने मजदूर से काम कराता है, इसका भी कोई लेखा जोखा नही है। इस संबंध में कार्यवाहर चेयरमैन का कहना है कि अब सफाई तीन शिफ्ट में होगा।

पहला शिफ्ट सुबह 5 बजे तक 12 बजे दिन तक, फिर 1 बजे अपराह्न से 6 बजे तक शहर की सफाई होगी। वहीं संध्या 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक सफाई किया जाएगा। हर शिफ्ट में अलग-अलग मजदूरों से काम लिया जाएगा। इसके लिये सफाई जमादार को पूरी जिम्मेवारी दी गई है, कहीं से शिकायत मिलती है तो उन्ही से स्पष्टीकरण पूछा जाएगा। नप के द्वारा सफाई का रूटीन बन जाने से नगरवासियों में काफी खुशी है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि जो सफाई का रूटीन बना है, इस पर नप कितना अमल कर पाता है, इसकी सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।