भोजपुर : इचरी नरसंहार मामले में पूर्व मंत्री रिहा, नौ आरोपियों को उम्रकैद कीर सजा

भोजपुर : इचरी नरसंहार मामले में पूर्व मंत्री रिहा, नौ आरोपियों को उम्रकैद कीर सजा

- इचरी गांव के ट्रैक्टर सवार 14 भाजपा समर्थक किसानों को घेर मारी गई थी गोली 

- संदेह और साक्ष्य की कमी का लाभ के तहत पूर्व मंत्री को केस से किया गया बरी

- वारदात में पांच किसानों की हो गयी थी मौत, अन्य नौ हुए थे जख्मी 

केटी न्यूज/आरा

जिले के चर्चित इचरी नरसंहार में कोर्ट का फैसला आ गया। इस मामले में जदयू के वरिष्ठ नेता सह पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को बरी कर दिया गया। जबकि नौ अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सजा पाये नौ अभियुक्तों के खिलाफ 25-25 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। आरा एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने बुधवार दोपहर यह फैसला सुनाया। सजा पाने वाले अभियुक्तों में बुद्ध साह, राजेंद्र साह, पुलिस महतो, गौरी महतो, बहादुर राम, सत्यनारायण राम, बालेश्वर राम, दुलारचंद यादव और भरोसा राम शामिल हैं। सभी आरोपित आयर थाना क्षेत्र के इचरी गांव के रहने वाले हैं। नरसंहार की यह घटना 29 मार्च 1993 की देर शाम जगदीशपुर थाना क्षेत्र के आटापुर बाबा मठिया के पास हुई थी। उस घटना में ट्रैक्टर पर अंधाधुंध फायरिंग कर भाजपा समर्थक चौदह किसानों को रास्ते में घेर कर गोली मारी गयी थी। उसमें पांच किसानों की घटनास्थल पर मौत हो गयी थी, जबकि नौ लोग जख्मी हो गए थे। सभी मृतक और जख्मी किसान भी इचरी गांव के ही रहने वाले थे। आरोप तब की आइपीएफ पार्टी के समर्थकों पर लगाया गया था। 

पूर्व मंत्री श्रीभागवान सिंह कुशवाहा तब आइपीएफ में थे और जगदीशपुर विधानसभा के विधायक भी थे। केस की सुनवाई में पीपी नागेश्वर दूबे, एपीपी प्रशांत रंजन और सियाराम सिंह की ओर से बहस की गयी। पीपी नागेश्वर दूबे के अनुसार 29 मार्च 1993 को पांच लोगों की गोली मार हत्या कर दी गयी थी। अंधाधुंध गोलीबारी में आठ अन्य किसान जख्मी हो गए थे। पूर्व मंत्री श्री भगवान सिंह कुशवाहा सहित 24 लोगों को आरोपित किया गया था।

बुधवार को उसमें पूर्व मंत्री सहित दस आरोपित की सजा की बिंदु पर सुनवाई की गयी। पूर्व मंत्री को संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट द्वारा रिहा कर दिया गया। वहीं नौ अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा की सुनाई गयी। सुनवाई के दौरान पूर्व मंत्री सहित सभी आरोपित कोर्ट में मौजूद थे। इधर, चर्चित इचरी नरसंहार पर आने वाले फैसले को लेकर बुधवार को कोर्ट परिसर में गहमागहमी बनी रही। पूर्व मंत्री के काफी संख्या में समर्थकों के अलावे इचरी गांव के भी काफी लोग जमा थे।