कार्यक्रम में सम्मानित हुए गुरु जन आठ जिलों से कार्यक्रम मे पहुंचे गुरु जन
नगर के एक सभागार में विश्वामित्र गुरू सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में 18 जिले के शिक्षकों ने भाग लिया। मौके पर उपस्थित मानवाधिकार संरक्षण के अध्यक्ष डा. अमरजी ने कहा कि मानव जीवन में ताउम्र कुछ सीखने के साथ कर गुजरने की इच्छा शक्ति अंदर से पनपती है। इस इच्छशक्ति को धरातल पर उतारने का काम सर्वप्रथम गुरू ही सिखाता है।
केटी न्यूज/डुमरांव
नगर के एक सभागार में विश्वामित्र गुरू सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में 18 जिले के शिक्षकों ने भाग लिया। मौके पर उपस्थित मानवाधिकार संरक्षण के अध्यक्ष डा. अमरजी ने कहा कि मानव जीवन में ताउम्र कुछ सीखने के साथ कर गुजरने की इच्छा शक्ति अंदर से पनपती है। इस इच्छशक्ति को धरातल पर उतारने का काम सर्वप्रथम गुरू ही सिखाता है। गुरू जो पढ़ाता है और सिखाता है, उसे जीवन में उतार कर हर कोई आगे बढ़ सकता है। वहीं जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान पटना के निदेशक डा. नागेन्द्र पाठक ने कहा कि शिक्षक अपने छात्रों से बस यही चाहता है कि वह आगे बढ़कर अपने परिवार के साथ ही देश का नाम रौशन करें। इस मौके पर समाजसेवियों और शिक्षाविदों ने जो बात कही, उसका सभी ने सरहा। इस दौरान पूरा हॉल तालियों से गुंजयमान होता रहा। फिर स्थानीय कलाकारों ने बीच-बीच में अपनी कला की प्रस्तुती कर लोगों का मनोरंजन करते रहे। हर किसी ने नौजवानों को बताया की घर में मां-बाप कुछ समय तक ही बच्चों को संभालते हैं, लेकिन शिक्षक अपने छात्रों को ऐसी शिक्षा देते हैं, जो ताउम्र उनके साथ रहता है। बता दें इस विश्वमित्र गुरू सम्मान समारोह में 18 जिले के शिक्षकों ने भाग लिया था। इसके संयोजक मनोज मिश्रा ने सभी को धन्यवाद देते हुए उनके समक्ष यह वादा किया कि अगले साल पूरा बिहार के गुरूजन आमंत्रित किया जाएगा। सभी को पुरस्कृत और सम्मानित किया गया।