आज से बैंड-बाजा और बारात पर लग जाएगी रोक

बुधवार यानी 17 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। 16 जुलाई मंगलवार को सूर्य रात 10 बजकर 21 मिनट में कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क संक्रांति के बाद शुभ कार्य पर रोक लग जाएगी। अर्थात एक बार फिर चातुर्मास के चलते बैंड बाजा बारात पर ब्रेक लग जाएगा।

आज से बैंड-बाजा और बारात पर लग जाएगी रोक

- भगवान सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ ही शुरू होगा चातुर्मास

केटी न्यूज/डुमरांव 

बुधवार यानी 17 जुलाई से चातुर्मास शुरू हो जाएगा। 16 जुलाई मंगलवार को सूर्य रात 10 बजकर 21 मिनट में कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। कर्क संक्रांति के बाद शुभ कार्य पर रोक लग जाएगी। अर्थात एक बार फिर चातुर्मास के चलते बैंड बाजा बारात पर ब्रेक लग जाएगा। आचार्य पंडित आदित्य तिवारी जी महाराज ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी चातुर्मास के दौरान शादियों पर रोक लगने जा रही है।

हालांकि चातुर्मास के आगमन से पहले ही अंतिम सात शुभ लग्नों में शादियां करने की होड़ मची हुई है। सभी मंदिर, विवाह स्थल और बैंड बाजा बुक रहे। इन सात लग्नों में काफी शादियां हो रही है। हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी (देवशयनी एकादशी) के दिन योगनिद्रा में चले जाते हैं

और कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन जागते हैं। यह चार महीने की अवधि चातुर्मास कहलाती है। इसमें भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं और इस दौरान कोई भी मंगल काम करना वर्जित माना जाता है। उन्होंने बताया कि चातुर्मास में धार्मिक और सामाजिक कार्य जैसे विवाह, नूतन गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार आदि पर रोक रहेगी। एक बार फिर अगहन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा तिथि 16 नवंबर से शादी विवाह का शुभ मुहूर्त शुरू होगा।

चातुर्मास के दौरान करें भगवान का भजन

चातुर्मास के दौरान भक्ति व साधना में मन लगाना चाहिए। इस समय मेंभगवान विष्णु की पूजा-अर्चना, व्रत, उपवास और धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व होता है। चार महीनों तक धार्मिक अनुशासन से व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि होती है। ज्योतिषियों के अनुसार चातुर्मास को हिंदू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना गया है। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं और इस अवधि में विशेष पूजा- अर्चना का भी महत्व होता है। धार्मिक आस्था के अनुसार इस समय में शुभ कार्यों से परहेज करना चाहिए।

16 नवंबर से शुरू होंगे मांगलिक कार्य

चातुर्मास के बाद शादियों का अगला शुभ मुहूर्त 16 नवंबर से शुरू होकर शादी विवाह का शुभ मुहूर्त 15 दिसंबर तक रहेगा। चार महीने के बाद एक महीने के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। आने वाले चार महीनों तक विवाह बंधन में बंधने की योजना बना रहे जोड़े अब चातुर्मास के बाद की तिथियों का इंतजार करेंगे। विवाह के लिए जोड़े अब चातुर्मास के बाद की तिथियों का इंतजार कर रहे हैं। मंदिरों और विवाह स्थलों की बुकिंग पहले से ही शुरू हो चुकी है और तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं।