वकील का इलाज नहीं करने वाले सदर अस्पताल के डॉक्टर व उपाधीक्षक पर एफआईआर के आदेश

एक अधिवक्ता का सदर अस्पताल में इलाज के बदने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में बुलाना महंगा पड़ गया है, यही नहीं बल्कि सदर अस्पताल के उपाक्षीक पर भी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है।

वकील का इलाज नहीं करने वाले सदर अस्पताल के डॉक्टर व उपाधीक्षक पर एफआईआर के आदेश

- टूटे हाथ के प्लास्टर के लिए निजी क्लीनिक में बुला रहे थे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास, उपाधीक्षक ने नहीं दिया था सही जबाव

केटी न्यूज/बक्सर

एक अधिवक्ता का सदर अस्पताल में इलाज के बदने उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में बुलाना महंगा पड़ गया है, यही नहीं बल्कि सदर अस्पताल के उपाक्षीक पर भी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए है। मिली जानकारी के अनुसार राजपुर थाना क्षेत्र के सिकरौल गांव निवासी  अनिल कुमार चौधरी पेशे से अधिवक्ता है तथा बक्सर सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते है।

एक हादसे में उनका हाथ टूट गया था, साथ ही उन्हें शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी चोट लगी थी। वे अपना इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल में गये थे। उन्होंने टोकन कटाने के बाद डॉक्टर के परामर्श पर एक्स-रे भी कराया था। एक्स-रे के बाद कोई डॉक्टर नहीं था। इस पर वह घर चले आए।

अगले दिन पुनः सदर अस्पताल गए थे। टोकन कटाने के बाद जब हड्डी रोग के डॉक्टर विकास पांडेय के पास गए, तब उन्होंने कहा कि यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है और न ही कोई दवा है आपको इलाज कराना है तो मेरे निजी क्लीनिक में आ जाइए। इस पर अधिवक्ता ने कहा कि आप यहीं पर मेरा इलाज कीजिए। इस पर डॉक्टर गुस्से में आ गए तथा बदतमीजी करते हुए अपने चेंबर से बाहर कर दिया।

 इस संबंध में उन्होंने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से आईटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी थी। उनके स्तर से गलत जानकारी दी गई। सभी दस्तावेज लगाते हुए अधिवक्ता ने सिविल कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया। सुनवाई व सभी साक्ष्य देखने के बाद माननीय कोर्ट ने नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।