आज है विवाह पंचमी राम-सीता के पवित्र मिलन का मनाया जायेगा महोत्सव
विवाह पंचमी, भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह का स्मरणोत्सव, हिंदू धर्म में अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
केटी न्यूज़/दिल्ली
विवाह पंचमी, भगवान श्रीराम और माता सीता के पवित्र विवाह का स्मरणोत्सव, हिंदू धर्म में अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष विवाह पंचमी 6दिसंबर को पड़ रही है।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार, यह वह शुभ दिन है जब अयोध्या के राजकुमार श्रीराम ने मिथिला की राजकुमारी सीता के साथ विवाह किया था। जनकपुर में स्थित जानकी मंदिर इस आयोजन का मुख्य केंद्र है, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था, जिसे साक्षात देवताओं ने भी आशीर्वाद दिया था।
नेपाल के जनकपुर में इस दिन भव्य आयोजन किया जाता है। राम-सीता विवाह का प्रतीकात्मक मंचन होता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। मंदिरों में विशेष पूजन, आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।भारत में भी अयोध्या, चित्रकूट और काशी सहित अन्य स्थानों पर विवाह पंचमी के अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।इस दिन रामलीला और राम-सीता के विवाह के दृश्य का मंचन होता है। महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर भगवान राम और माता सीता के गीत गाती हैं।
विवाह पंचमी के दिन व्रत रखने और भगवान श्रीराम व माता सीता की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भक्तजन भगवान राम-सीता की मूर्ति को फूलों और वस्त्रों से सजाते हैं और मंत्रोच्चार के साथ उनका अभिषेक करते हैं।यह पर्व भगवान राम और माता सीता के आदर्श चरित्र और पवित्र प्रेम का प्रतीक है। यह हमें परिवार, सम्मान और मर्यादा के मूल्यों का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है।