योगी सरकार के 31 आईएएस बिहार में कराएगें चुनाव
बिहार के विधानसभा 2025 में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने योगी सरकार के 31 आईएएस को चुनावी मैदान में उतारा है। सभी लोगों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त कर पटना जाने का आदेश दिया है। जिसकी सूची चुनाव आयोग के द्वारा जारी कर दी गयी है।

केटी न्यूज/पटना
बिहार के विधानसभा 2025 में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग ने योगी सरकार के 31 आईएएस को चुनावी मैदान में उतारा है। सभी लोगों को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त कर पटना जाने का आदेश दिया है। जिसकी सूची चुनाव आयोग के द्वारा जारी कर दी गयी है। दौरान आयोग विभिन्न राज्यों से पर्यवेक्षक बुलाकर नियुक्त करता है, जो उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा आचार संहिता का पालन, चुनावी खर्च पर नजर रखने और आम लोगों की शिकायतों का समाधान करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करेंगे। यूपी के आईएएस अधिकारियों को गुरुवार, 16 अक्टूबर को बिहार में रिपोर्ट करना है। वे मतदान प्रक्रिया की निगरानी, मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और निष्पक्ष मतदान कराने का काम करेंगे।
पहले चरण के लिए 16 आईएएस अधिकारियों को बिहार भेजा गया है, जिनमें अजय कुमार शुक्ला, बलकार सिंह, चैत्रा वी, ओम प्रकाश, सेल्वा कुमारी जे, अमित सिंह बंसल, भानु चन्द्र गोस्वामी, प्रांजल यादव, उदय भानु त्रिपाठी, अनामिका सिंह, भवानी सिंह खंगारोत, गौरी शंकर प्रियदर्शी, जीएस नवीन कुमार और राज शेखर शामिल हैं। ये अधिकारी मतदान केंद्रों, मतदाता सूची, मतदान सामग्री और अन्य चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
दूसरे चरण के लिए यूपी के 15 आईएएस अधिकारियों को बिहार भेजा जा रहा है, जिन्हें 19 अक्टूबर को रिपोर्ट करना है। बिहार में इस समय नामांकन का दौर चल रहा है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, पर्यवेक्षक उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के गतिविधियों पर नजर रखेंगे, आचार संहिता का उल्लंघन रोकेंगे और चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा वे मतदाताओं की शिकायतों का निपटारा करेंगे और चुनावी हिंसा या अनियमितताओं को रोकने में भी मदद करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार विधानसभा चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।
इससे पहले राजनीतिक तैयारियों के तहत, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव राघोपुर से तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरेंगे और महागठबंधन के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार शुरू करेंगे। उनके सक्रिय प्रचार और संगठनात्मक रणनीति के साथ बिहार में चुनावी प्रक्रिया को प्रभावी और व्यवस्थित बनाने में पर्यवेक्षकों की भूमिका अहम होगी।