आक्रोश: शराब दुकान के खिलाफ महिलाएं उतरी सड़क पर, भाग खड़ी हुई पुलिस

आक्रोश: शराब दुकान के खिलाफ महिलाएं उतरी सड़क पर, भाग खड़ी हुई पुलिस

आरोप, प्रार्थना प़त्र के बावजूद जिला प्रशासन के कान में नहीं रेंग रहा जूं 

महिलाओं के साथ आए दिन होती है छेड़खानी 

केटी न्यूज/बलिया

शहर के राजेंद्र नगर में रविवार को अवैध शराब दुकान के खिलाफ महिलाएं सड़क पर उतर आई। आरोप है कि शराब की दुकान खुलवाने के लिए खुद पुलिस मौके पर आई थी, लेकिन महिलाओं के उग्र रूप देख पुलिस भाग खड़ी हुई। महिलाओं का कहना था कि जब हम लोगों के साथ पियक्कड़ छेड़खानी करते हैं और हम लोग बिचला घाट चौकी पर शिकायत लेकर जाते हैं, तब पुलिस वाले अपनी सक्रियता नहीं दिखाते है और टाल-मटोल करते हैं, लेकिन रविवार को पुलिस अपनी नैतिक जिम्मेदारी भूलते हुए बंद शराब दुकान को खुलवाने के लिए आ गई। इस दौरान महिलाओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए।

 

बताया जाता है कि शहर के राजेंद्र नगर में घनी आबादी के बीच शराब दुकान खुल जाने से मुहल्ले के लोग काफी दिनों से आंदोलनरत है। इस लेकर मुहल्लेवासियों ने कई बार जिलाधिकारी तथा आबकारी अधिकारी का ध्यान भी आकृष्ट कराए हैं, लेकिन किसी के कानों में ना तो जूं रेंग रहा था और ना ही दुकान हट रही है। ऐसे में महिलाएं शनिार को प्रदर्शन करने के बाद रविवार को सड़क पर उतर आई और जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान आरोप है कि स्थानीय बिचला घाट चौकी की पुलिस मौके पर दुकान खुलवाने के लिए आई थी और आंदोलनकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रही थी, इस पर महिलाएं और भी ज्यादा उग्र हो गई। जिसके बाद पुलिस भाग खड़ी हुई। 

विरोध में उतरे किन्नर समाज के लोग  

महिलाओं के साथ-साथ किन्नर समाज के लोग भी सड़क पर उतर आए और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। किन्नर समाज के लोगों ने कहा कि हमारे बहन-बेटियों का जीना इस मुहल्ले में दुश्वार हो गया है। पुलिस वाले के पास जाने के बावजूद वे लोग सुनते नहीं है। ऐसे में अब हम लोग मन बना लिए हैं कि जब तक शराब की दुकान यहां से नहीं हटेगी  तब तक हम लोग आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। 

विभागों की अनदेखी से चलता-फिरता रोड बन गया बार 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजेंद्र नगर में चलता-फिरता रोड पर ही शराब की दुकान खोल दिया गया है। बात यहां तक तो सही हैं, लेकिन दुकान के सामने ही पियक्कड़ पीना शुरू कर देते हैं फिर नशे में धूत होकर महिलाओं के साथ छींटाकशी करते हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि शराब की दुकान के बाहर शराब पीने का लाइसेंस आखिर कौन दिया हैं या किसके शह पर दुकान संचालक को इतना साहस मिलता है कि वे दुकान के बाहर पीने की इजाजत पियक्कड़ों को देते है। कहना गलता नहीं है कि राजेंद्र नगर का यह चलता-फिरता रोड बार बन गया है।

एक-दूसरे के पाले में फेंक रहे गेंद 

विरोधी प्रदर्शन के संबंध में एसपी राजकरन नैय्यर ने बताया कि दुकान हटाना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। मेरे द्वारा शिकायतपत्र को आगे फारवर्ड किया गया है। हां छेड़खानी की बात है तो मेरे पास शिकायत आने पर मैं कार्रवाई करूंगा। उधर इसे लेकर जब आबकारी अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विरोध प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में कई अधिकारी मौके पर गए थे, मेरे सीनियर अधिकारी का  जैसा आदेश होगा, वैसा किया जाएगा।