14 सूत्री मांगों को लेकर आशा व फैसिलिटेटर संघ ने सिविल सर्जन कार्यालय पर किया प्रदर्शन

बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के आह्वान पर शनिवार को सैकड़ों की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया।

14 सूत्री मांगों को लेकर आशा व फैसिलिटेटर संघ ने सिविल सर्जन कार्यालय पर किया प्रदर्शन

- 20 मई को टेªड यूनियनों के आयोजित हड़ताल में शामिल होंगी आशा कार्यकर्ता

- मांगे पूरी नहीं होने पर 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी

केटी न्यूज/बक्सर

बिहार राज्य आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ के आह्वान पर शनिवार को सैकड़ों की संख्या में आशा कार्यकर्ताओं ने सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन का नेतृत्व जिला संयोजक सह राज्य उपाध्यक्ष अरुण कुमार ओझा, मीरा देवी और डेज़ी देवी ने संयुक्त रूप से किया। प्रदर्शन के दौरान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने अपनी 14 सूत्री मांगों को जोरशोर से उठाया।

सभा को संबोधित करते हुए अरुण कुमार ओझा ने कहा कि 20 मई को देश के 10 प्रमुख श्रमिक संगठनों द्वारा घोषित एक दिवसीय हड़ताल में राज्य की सभी आशा कार्यकर्ता शामिल होंगी और अपने-अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर धरना देंगी। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के सतत प्रयासों से संस्थागत प्रसव, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी, और टीकाकरण जैसे कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। फिर भी, सरकार पूर्व में किए गए समझौतों को लागू नहीं कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना काल में आशा कार्यकर्ताओं ने जान जोखिम में डालकर सेवाएं दीं, जिसकी सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन, पटना उच्च न्यायालय, भारत सरकार और मानवाधिकार आयोग ने भी की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें 2500 रूपए मानदेय नहीं दिया जा रहा है।

जिससे आशा कार्यकर्ताओं के समक्ष परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का जुगाड़, बच्चों की पढ़ाई तथा बीमारों की दवाई का यक्ष प्रश्न खड़ा रहता है। सम्मान जनक मानदेय नहीं मिलने से आशा कार्यकर्ताओं को कई तरह की परेशानियों का सामाना करना पड़ता है।

हालांकि, उन्हें काम राज्य सरकार के कर्मियों के बराबर करना पड़ता है।वक्ताओं ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की बदौलत ही स्वास्थ्य विभाग की कई योजनाएं सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। बावजूद सरकार को आशा कार्यकर्ताओं की चिंता नहीं है। जिस कारण उनका जीवन नारकीय हो गया है।

सभा में यह चेतावनी भी दी गई कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर विचार नहीं किया, तो 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। आशा कार्यकर्ताओं को मजदूर का दर्जा देने और 26 हजार रूपए प्रतिमाह मानदेय देने की मांग भी इस हड़ताल के केंद्र में है।

सभा को किसान नेता परमहंस सिंह, हरेराम सिंह, मंजू देवी, कंचन कुमारी, नीतू देवी, संतोषी देवी, मुरैना देवी, शीला देवी और अनु देवी सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया। अंत में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य समिति को सौंपा।