परंपरागत तरीके से संपन्न हुआ भैया दूज व चित्रगुप्त पूजा
- दुराचारी गोधन को कुट महिलाओं ने किया महाभारत कालीन परंपरा का निर्वहन
केटी न्यूज/डुमरांव
बुधवार को भैयादूज व चित्रगुप्त पूजा का त्योहार परंपरागत उल्लास व भक्ति के माहौल में संपन्न हुआ। भैया दूज त्योहार में बहनों ने द्वापर कालीन दुराचारी गोधन के प्रतीक गोबर से बने गोधन को मुसल से कूट भाईयों की सलामती की कामना की। गोधन कूटने से पहले महिलाएं मांगलिक गीत गा रही थी। सुबह से ही इस त्योहार को ले महिलाओं का उत्साह चरम पर था।
वही गोधन कूटने के बाद ही महिलाओं ने अन्न ग्रहण किया। इस मौके पर घरों में अमर पीठा और दालपुड़ी बनाया गया था। इसके पहले अहले सुबह दलिद्र को घर से दूर भगाने की परंपरा का पालन भी महिलाओं ने किया। मान्यता है कि द्वापर काल में दुराचारी गोधन को भगवान कृष्ण ने महिलाओं को प्रेरित कर मूसल से उसकी कुटाई कराई थी। तभी से यह परंपरा मनाई जाती है।
हर साल भैया दूज के मौके पर महिलाएं गोबर का गोधन बना उसे कूटती है। इस बार भी अनुमंडल के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में यह परंपरा बखूबी देखने को मिली। वही दूसरी तरफ कायस्थ समाज द्वारा कलम दवात की पूजा पूरे विधि विधान से की गई। इस मौके पर कायस्थ समाज ने कलम दवात की पूजा कर प्रसाद वितरण किया।