कलश स्थापना के साथ आदिशक्ति की पूजन शुरू, मंदिरों में उमड़े रहे श्रद्धालु
- भक्ति के नौ दिनों में शक्ति के नौ अलग-अलग रूपों की होगी पूजा
केटी न्यूज/डुमरांव
मां दुर्गा की आराधना का पवित्र पर्व शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गया है। नौ दिनों तक मां आदिशक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की धूम रहेगी। इसके लिए शहर में पंडाल सज गये हैं। प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधिवत रूप से कलश स्थापना कर की गयी। मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता रानी धरती लोक पर विचरण करती है।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के सभी देवी मंदिरों में भक्तों का तांता भोर से ही लगा है। देवी भक्त इन मंदिरों में पूजन-अर्चन कर मां से मनोकामना पूर्ति की कामना करते दिखे। मां दुर्गा के दर्शन व पूजन के लिए शहर के काली आश्रम स्थित मां दुर्गा व काली मंदिर, रेलवे स्टेशन स्थित दुर्गा मंदिर, भगवती मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में भक्तों का तांता लगा है। अधिकांश घरों व सभी पूजा-पंडालों पर कलश स्थापित कर मां की पूजन की गयी। नवरात्र को लेकर शहर के मंदिरों में तड़के से ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचे। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के सभी देवी मंदिरों पर शनिवार की शाम ही तैयारी पूरी कर ली गयी थी।
मां को चुनरी व फूलों से सजाया गया। देवी भक्त भोर से ही इन मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू कर दिये। मंदिरों के आसपास नारियल, चुनरी और फूल की दुकानें सजी रही। बता दें कि नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की गयी। माता पार्वती को शैलपुत्री कहा जाता है, क्योंकि उनके पिता पर्वतराज हिमालय हैं। गौरवर्ण वाली मां शैलपुत्री की सवारी बैल है। वे एक हाथ में त्रिशूल तो दूसरे में कमल का फूल धारण करती हैं। चंद्रमा उनके मस्तक की शोभा बढ़ाता है। नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिरों में मां के लिए विशेष आरती की जायेगी और साजो श्रृंगार के साथ मां के नौ रूपों को अलग-अलग सजाया जायेगा।