बकाये मानदेय व उचित मजदूरी की मांग पर बक्सर नगर परिषद के मजदूरों ने किया हड़ताल

बकाये मानदेय व उचित मजदूरी की मांग पर बक्सर नगर परिषद के मजदूरों ने किया हड़ताल

- नप के मुख्य गेट में ताला जड़ धरने पर बैठ गए थे मजदूर, एनजीओ पर उचित मजदूरी नहीं देने का लगा रहे थे आरोप

केटी न्यूज/बक्सर

सोमवार को बक्सर नगर परिषद के मजदूरों ने अचानक हड़ताल कर दिया। सुबह में ही अपने बकाए मजदूरी तथा वास्तविक मजदूरी देने की मांग पर दर्जनों मजदूर काम का बहिष्कार कर नगर परिषद के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गए। मजदूरों का कहना था कि एनजीओ उनकी हकमारी कर रहा है। पूरा काम करने के बावजूद उचित मजदूरी नहीं दे रहा है। वही बकाए मजदूरी का भुगतान भी नहीं कर रहा है।

जिससे उनके परिवार के दो वक्त के रोटी का जुगाड़ मुश्किल से हो रहा है। मजदूरों ने चेतावनी दिया कि यदि दस दिनों के अंदर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तथा उचित मजदूरी व बकाए मानदेय का भुगतान नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। मजदूरों के इस हड़ताल का नेतृत्व मजदूर संघ के उपाध्यक्ष सह वार्ड पार्षद बृजकिशोर उपाध्याय उर्फ़ मोहन उपाध्याय कर रहे थे।

नप कार्यालय के मुख्य गेट जाम कर सफाईकर्मियों ने जमकर प्रदर्शन किया और नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी का विरोध करते हुए अपनी मांगो को लेकर जमकर नारेबाजी किया। अपने संबोधन में बृजकिशोर उपाध्याय ने कहा कि एनजीओ द्वारा मजदूरों को निर्धारित मजदूरी नहीं दिया जा रहा है। वही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा की मजदूरों की इस समस्या पर दस दिनों में समाधान नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेवारी नगर परिषद प्रशासन की होगी।

मजदूरी में एनजीओ कर रहा है कटौती

बता दें कि नगर परिषद प्रशासन ने एक अपै्रल 2022 से नए मजदूरों को 350 रूपए और पुराने मजदूरों को 447 रूपए दैनिक मजदूरी निर्धारित किया है। लेकिन, सफाई एनजीओ क्रमशः 304 और 400 रूपए ही दैनिक मजदूरी दे रहा है। जिससे मजदूरों में पिछले कई दिनों से असंतोष था। मजदूरों ने इसकी शिकायत भी नगर परिषद प्रशासन से की थी। लेकिन, नप मजदूरों की शिकायत पर उदासीन बना रहा।

जिस कारण सोमवार को मजदूरों के सब्र का बांध जबाव दे दिया और मजदूरों ने काम ठप कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। हड़ताल पर डटे मजदूरों का आरोप था कि मजदूरी में कटौती के साथ ही एनजीओ इन्हें वस्त्र, जूता, ग्लब्स सहित आवश्यक संसाधन तक नहीं दे रहा है। 

मजदूरों को नहीं पता, कहां जमा होता है पीएफ

मजदूरों की मानें तो पीएफ की राशि से सम्बंधित कोई भी दस्तावेज नहीं दिया जाता है। पीएफ कहां जमा होता है, किसी मजदूर को पता नहीं है जबकि उनकी मजदूरी से हर महीने भविष्य निधि काटा जाता हैं। मजदूरों ने बताया कि उन्हें पूर्व के बकाए 120 दिन की मजदूरी अभी तक नहीं दी गई है। संविदा पर बहाली पुराने मजदूरों को होना चाहिए। सभी मजदूरों को परिचय पत्र मिलना चाहिए नगर विकास एवं आवास विभाग पटना के द्वारा पत्र जारी किया गया है।

वही उन्होंने कहा की दैनिक मजदूरों की उपस्थिति पंजी सभी वर्गों में रखा जाय। पूर्व में इसकी सूचना नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी, एसडीओ, श्रम अधीक्षक, लोक शिकायत पदाधिकारी को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है। फिर भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इस दौरान मुकेश, सागर, राजेश कुमार, राजेश राउत, प्रमोद कुमार, पूनम देवी, सोनी देवी, कपिल, मनु, जियूत, सुरेश समेत सैकड़ो सफाईकर्मी शामिल रहे।

ठप रही सफाई व्यवस्था

मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने से शहर की सफाई व्यवस्था ठप हो गई थी। शहर के कई इलाकों में कूड़ा कचरा पसर गया था। पूरे दिन कचरे का उठाव नहीं होने से लोगों दुर्गंध का सामना भी करना पड़ा। कचरे का उठाव नहीं होने से शहर के कई सड़को व नुक्कड़ो पर कचरे का अंबार लगा रहा।