सीबीआई का सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दावा: ब्रम्हेश्वर मुखिया को हुलास पाण्डेय ने पिस्टल से मारी थी छह गोली, फौजी व अभय ने पकड़ा था हाथ

सीबीआई का सप्लीमेंट्री चार्जशीट में दावा: ब्रम्हेश्वर मुखिया को हुलास पाण्डेय ने पिस्टल से मारी थी छह गोली, फौजी व अभय ने पकड़ा था हाथ

केटी न्यूज/पटना

सीबीआई द्वारा रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय के सेशन जज-3 के कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने के बाद एक बार फिर चर्चा में आ गया है। वहीं बिहार की राजनितिक गलियारों में भुचाल ला दिया है। मामले की दस वर्षो की जांच के बाद सीबीआई के द्वारा आरा के कोर्ट में दाखिल की गई कई सप्लीमेंट्री चार्जशीट चौंकाने वाले दावा किए गए है।

                                                                हुलास पाण्डेय की फाइल फोटो

जिसमें पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय को प्रमुख  आरोपित बनाया गया है। सीबीआई के द्वारा कोर्ट में जमा सप्लीमेंट्री चार्जशीट के अनुसार हुलास पांडेय के साथ नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रितेश कुमार उर्फ मोनू, मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय, अभय पांडेय, बालेश्वर राय, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय और प्रिंस पांडेय का नाम है। सीबीआई के अनुसार घटना के दिन ये सभी लोग आरा के कतीरा मोड़ इक्कठा हुए थे।

जिसमें हुलास पांडेय और बालेश्वर राय स्कॉर्पियो में मौजूद थे। वहीं स्कॉर्पियो को मनोज राय चला रहे थे। जबकि अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, मोनू, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय और प्रिंस रितेश कुमार पांडेय पैदल थे। ब्रह्मेश्वर उर्फ मुखिया जी अपने घर के नजदीक प्रतिदिन की रूटिंग के अनुसार सुबह में टहल रहे थे।

मुखिया जी को मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय ने गाड़ी में बुलाया और मुखिया जी को बीच वाली सीट पर बैठाया गया था। जिसके बाद स्कॉर्पियो को मनोज राय मुखिया जी के घर की तरफ ले जाने लगा। ब्रह्मेश्वर मुखिया के घर की तरफ जाने वाली गली के आगे स्कॉर्पियो रोक दी। ब्रह्मेश्वर मुखिया व हुलास पांडेय गाड़ी से उतरे। उनके साथ पांचों नामजद व्यक्ति भी थे। इसी बीच नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रितेश कुमार उर्फ मोनू, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय और प्रिंस पांडेय पैदल हीघटनास्थल के पास पहुंचे। ननंद गोपाल उर्फ फौजी व अभय पाण्डेय ने पहुचते ही ब्रह्मेश्वर मुखिया का हाथ पकड़ लिया।

उसी दौरान हुलास पांडेय ने अपनी पिस्टल निकाल कर ब्रह्मेश्वर मुखिया छह गोली दनादन दाग दी। जिससे ब्रह्मेश्वर मुखिया की मौत घटना स्थल पर ही हो गई। कोर्ट को सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में बताया गया है कि बाकी नामजद अभियुक्त घटनास्थल पर मौजूद थे। जिसमें गुड्डू पांडेय एके-47 लेकर सड़क पर खड़ा था। 

 

बिहार के प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना के सुप्रीमो ब्रह्मेश्वर मुखिया थे। ब्रह्मेश्वर मुखिया मूल रूप से भोजपुर जिले के पवना थाना इलाके में खोपिरा गांव निवासी थे। मुखिया पर 2012 तक 277 लोगों की मर्डर व 22 अलग-अलग मामलों में अभियुक्त थे। विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज थी। ब्रह्मेश्वर मुखिया 16 मामलों में साक्ष्य के अभाव में कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया था।

जबकि बाकी छह मामलों में मुखिया को जमानत पर थे। 29 अगस्त 2002 को पटना के एग्जीबिशन रोड से वहां की पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था। जिसके बाद ब्रह्मेश्वर मुखिया नौ साल तक जेल में रहे। आठ जुलाई 2011 को जमानत पर बाहर आए थे।