सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर बिहार में भी बीएड वालों को प्राइमरी टीचर बनने पर रोक, 3.90 लाख कैंडिडेट्स का नहीं आएगा रिजल्ट

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था। इस फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे।

सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर बिहार में भी बीएड वालों को प्राइमरी टीचर बनने पर रोक, 3.90 लाख कैंडिडेट्स का नहीं आएगा रिजल्ट
केटी न्यूज, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए प्राइमरी टीचर के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था। इस फैसले के बाद बीएड डिग्री धारी छात्र प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे। केवल बीटीसी या डीएलएड डिग्री वाले छात्र ही कक्षा पांचवीं तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे। इसी को आधार मानते हुए बीपीएससी और शिक्षा विभाग की मीटिंग में बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लगाने का फैसला लिया गया। अब बिहार में भी बीएड पास प्राइमरी टीचर नहीं बन पाएंगे। मंगलवार को बीपीएससी और शिक्षा विभाग के बीच हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है। बीपीएससी और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी इसमें शामिल हुए थे। न्यूनतम कितने अंकों पर रिजल्ट जारी किया जाए, इस पॉइंट पर भी चर्चा हुई। 
25 सितंबर तक जारी होगा रिजल्ट
बता दें कि 25 सितंबर तक कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी होगा। इसके बाद शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख 90 हजार बीएड पास कैंडिडेट्स के रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है। वहीं, कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों के लिए प्रमाण पत्रों की जांच कराने की अंतिम तिथि 12 सितंबर से बढ़ा कर 14 सितंबर तक कर दी गई है। इस संबंध में बीपीएससी के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक सत्यप्रकाश शर्मा ने सोमवार को सूचना जारी की। बता दें कि बिहार में 1 लाख 70 हजार 461 शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। पहली से पांचवीं कक्षा के लिए 3 लाख 90 हजार बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया था। 
बीएड अभ्यर्थियों को मध्य शिक्षक नियुक्ति में कुछ लाभ मिल सकता है
पटना ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने पूछने पर बताया कि ये हो सकता है कि‎ सीटेट पास बीएड अभ्यर्थियों को‎ मध्य शिक्षक नियुक्ति में कुछ ‎लाभ देने की योजना हो। हालांकि,‎अभी यह कहा नहीं जा सकता।