दोनों आंखों से अंधे कपल ने मंदिर में रचाई शादी

दोनों आंखों से अंधे कपल ने मंदिर में रचाई शादी

अब सरकारी एक हजार पेंशन से जीविका चलाने का है सपना

केटी न्यूज/गाजीपुर

जखनियां के डोरा गांव निवासी 28 वर्षीय रिंकू बनवासी  चार भाई हैं। इनमें से दो दृष्टिहीन है। जिसमें सबसे बड़ा रमेश बनवासी बचपन से ही दोनों आंखों से दृष्टिहीन है तो वही रिंकू बनवासी भी बचपन से दृष्टिहीन है। रिंकू के पिता रामवृक्ष बनवासी ईट भट्टे पर मजदूरी करके अपने परिवार का जीविका का चलते हैं तथा दृष्टिहीन रिंकू बनवासी को₹1000 प्रतिमा दिव्यांग पेंशन मिलता है

जिससे मामूली भरण पोषण करते हैं। रिंकू बनवासी ने कहा कि ईश्वर ने बचपन से ही आंखों का रौशनी तो छीन लिया जिस देश दुनिया में क्या कुछ है आंखों से कभी देखा ही नहीं लेकिन ईश्वर की कृपा से जीवन साथी तो मिला लेकिन गुजर बसर करना सरकार की 1000 प्रति माह पेंशन से ही संभव है।

जो इस महंगाई में मामूली अनुदान है। बचपन से दोनों आंखों से अंधे दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के केसरूआ गांव निवासी सुनीता तीन भाई चार बहनों में तीन बहन बचपन से ही दोनों आंखों से अंधे हैं। जिसमें सोफिया ,सीमा आंखों से नहीं देख पाती वही छठवें नंबर पर सुनीता देवी हैं जो दोनों आंखों से अंधे तो हैं

लेकिन अब जीवनसाथी के रूप में रिंकू मिल गया। इस महंगाई कठिन डगर में सरकार की 1000 प्रति माह दिव्यांग पेंशन ही सहारा है। बनवासी समुदाय के नेता वीरेंद्र गौतम के पहल से दृष्टिहीन कपल की जखनिया शिव मंदिर में धूमधाम से रचाई गई।जिस शादी का चर्चा चारों तरफ हो

रही है। 28 वर्षीय दृष्टिहीन कपल कभी सपनों में भी नहीं सोच सकते थे कि उनका भी जीवनसाथी मिलेगा और उनके सारे सपने की मुरादे उसे वक्त पूरा हुई जब शिव मंदिर पर वैदिक मंत्रोचार के साथ विधिवत शादी रचाई गई।