दिव्यांगों को आपदा से बचाव के लिये किया गया प्रशिक्षित

आपदा जब आती है तो स्वस्थ्य व्यक्ति अपने को भाग-दौड़ कर सुरक्षित स्थान पर चला जाता है, वहीं दिव्यांग और बुजुर्ग महिला-पुरूष इसमें फंस जाते हैं। ऐसे समय में अपने को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं, इसको लेकर बुनियाद केन्द्र में एक दिव्यांग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। दिव्यांगों को बताया गया की जिस परिस्थिति में आप रहते है, उसमें आपको चौकन्ना रहना पड़ेगा। रोड पर चल रहे हैं, तो साइड का ध्यान देते हुए आगे बढ़ना होगा और रोड पार करने समय और सावधानी बरतनी होगी।

दिव्यांगों को आपदा से बचाव के लिये किया गया प्रशिक्षित

डुमरांव के बुनियाद केन्द्र में अनुमंडल के दिव्यांगों के लिये एक प्रशिक्षिण शिविर का आयोजन किया गया

केटी न्यूज/डुमरांव  

आपदा जब आती है तो स्वस्थ्य व्यक्ति अपने को भाग-दौड़ कर सुरक्षित स्थान पर चला जाता है, वहीं दिव्यांग और बुजुर्ग महिला-पुरूष इसमें फंस जाते हैं। ऐसे समय में अपने को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं, इसको लेकर बुनियाद केन्द्र में एक दिव्यांग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। दिव्यांगों को बताया गया की जिस परिस्थिति में आप रहते है, उसमें आपको चौकन्ना रहना पड़ेगा। रोड पर चल रहे हैं, तो साइड का ध्यान देते हुए आगे बढ़ना होगा और रोड पार करने समय और सावधानी बरतनी होगी।

उन्हें बताया गया की सबसे मुसिबत का समय भूकंप और बाढ़ आने के समय होती है। ऐसे समय में आपको हर तरह से चौकन्ना रहना होगा। सोने से पहले अपने लिये सुरक्षित स्थल को ध्यान में रखना होगा की बाढ़ आने पर जल्द से जल्द वहां से निकल अपना बचाव कर सकें। इसके लिये उन्हें बांध के या रोड के उपर चले जाना होगा। वहां पहुंचने पर आपको सरकारी सुविधा भी मिल सकती है।

वहीं भूकंप आने के समय अपने को ऊंचे स्थान पर चले जाना चाहिए, जिससे मकान गिरने और जमीन धंसने पर आपका बचाव हो सके। इतना ही नहीं आपको बुजुर्ग महिला, पुरूष और बच्चों को भी सुरक्षित स्थान पर अपने साथ चलने के लिये उत्प्रेरित करना चाहिए। ऐसे करने से आपकी जान तो बचेगी ही आपके साथ अन्य की भी बच सकती है। भूकंप के समय घर में घिरे हैं तो आपको चौकी, पलंग, खाट, कुर्सी, टेबल के नीचे छीपकर बैठ जाना होगा, इससे बहुत हद तक आपके जान का बचाव हो सकता है। साथ ही यह बताया गया की इसके लिये अपने आसपास रहने वाले लोगों को भी इसकी जानकारी देनी चाहिए।

इस तरह का कार्य करने से आपकी जान बचेगी, लोग सुरक्षित होंगे, प्रशासन को भी मदद मिलेगी। इस तरह की सोंच रखते हुए काम करने से आप सुरक्षित तो रहेंगे ही आपके आसपास रहने वाले भी आपके चलते सुरक्षित हो जाएंगे। आपदा बचाव प्रशिक्षण के समय फीजियोथेरेपिस्ट डा. विकास कुमार सिंह, कश्मीरी चौधरी, मुन्ना राम, ममता कुमारी, कार्तिक कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।