विद्यालय स्तर पर प्रभावी ढंग से कराए मशाल प्रतियोगिता - जिला शिक्षा पदाधिकारी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा कार्यालय में शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय ने जिला खेल समिति सदस्यों एवं ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।

- डीईओ ने की जिला खेल समिति सदस्यों एवं ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ बैठक
केटी न्यूज/बक्सर
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा कार्यालय में शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार पांडेय ने जिला खेल समिति सदस्यों एवं ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विद्यालय पंजीयन, खेल खिलाड़ी सीआरसी और प्रखंड के स्तर पर खिलाड़ियों की उज्जवल भविष्य के लिए व्यापक कार्य योजना पर दिशा निर्देश दिए। डीईओ ने कहा कि मशाल खेल प्रतियोगिता को विद्यालय के प्रधानाध्यापक के दिशा निर्देश में प्रभावी रूप से कराए, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अधिक से अधिक हो और खेल से मेधावी खिलाड़ियों का चयन विद्यालय प्रशासन अहम भूमिका निभाए।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पंजीयन में कम विद्यार्थियों की संख्या पर नाराजगी व्यक्त की और खिलाड़ियों की संख्या बढ़ाने के लिए विद्यालय प्रशासन को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मशाल प्रतियोगिता राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इस प्रतियोगिता के प्रति सभी को गंभीरता दिखानी होगी।
इस बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी समग्र शिक्षा मोहम्मद शारिक अशरफ, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विष्णु कांत शर्मा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी योजना लिखा चंदन कुमार द्विवेदी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रजनीश कुमार उपाध्याय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा के साथ-साथ विभाग के वरीय पदाधिकारी ने जिला स्तरीय खेल प्रशिक्षक, कंप्यूटर जानकार शिक्षक और खेल समिति के सदस्यों को कार्य प्रगति पर दिशा-निर्देश दिए।
संभाग प्रभारी डॉ. तेज बहादुर सिंह, खेल शिक्षक अशोक कुमार, डॉ. मनीष कुमार शशि, सुनील कुमार सिंह, अश्विनी राय, अभिषेक कुमार, सत्येंद्र कुमार सिंह, मो. मुस्लिम, राकेश रंजन उपाध्याय, सुरेंद्र कृष्णा, भीम कुमार, आकांक्षा यादव, प्रिया राय इत्यादि उपस्थित रहे।
बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरूरी है खेलकूद
वहीं, इसके उदेश्य पर प्रकाश डालते हुए डीईओ ने कहा कि मशाल प्रतियोगिता का मुख्य उदेश्य ग्रामीण स्तर की प्रतिभाओं को पहचान तथा उन्हें तराश अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है, ताकी हमारे गांवों के छात्र भी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तथा ओलंपिक जैसे खेलों में मेडल जीत राज्य का मान बढ़ाए।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष विद्यालय में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिससे कि पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तथा बच्चों की खेलों में रुचि के अनुसार उनको अपने भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म मिल सकें।