अपने खेत में लगी फसल काटने में डर रहे दियारा क्षेत्र के किसान, पुलिस की सुरक्षा में काटी जाएंगी फसल

भागलपुर जिले के पीरपैंती गंगा नदी के दियारा क्षेत्र में अपराधियों के आतंक के कारण किसानों में दहशत का माहौल है। गेहूं, मक्का और सरसों की फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी है। लेकिन किसान अपराधियों के डर से खेतों तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। छोटी मोहनपुर, एकचारी और बाखरपुर के किसानों का कहना है कि हथियारों से लैस अपराधी दिन-दहाड़े खेतों में घूमते हैं। वे न सिर्फ लूटपाट करते हैं बल्कि कई बार किसानों की फसल पर जबरन कब्जा भी जमा लेते हैं। ऐसे में किसान अपनी मेहनत की कमाई को बचाने में असहाय महसूस कर रहे हैं...

अपने खेत में लगी फसल काटने में डर रहे दियारा क्षेत्र के किसान, पुलिस की सुरक्षा में काटी जाएंगी फसल
फाइल फोटो

केटी न्यूज/पटना

भागलपुर जिले के पीरपैंती गंगा नदी के दियारा क्षेत्र में अपराधियों के आतंक के कारण किसानों में दहशत का माहौल है। गेहूं, मक्का और सरसों की फसल कटाई के लिए तैयार खड़ी है। लेकिन किसान अपराधियों के डर से खेतों तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। छोटी मोहनपुर, एकचारी और बाखरपुर के किसानों का कहना है कि हथियारों से लैस अपराधी दिन-दहाड़े खेतों में घूमते हैं। वे न सिर्फ लूटपाट करते हैं बल्कि कई बार किसानों की फसल पर जबरन कब्जा भी जमा लेते हैं। ऐसे में किसान अपनी मेहनत की कमाई को बचाने में असहाय महसूस कर रहे हैं...

लहलहाती फसलों पर अपराधियों की काली नजर 

ज्ञात हो कि खेतों में गेहूं, मक्का और सरसों की फसल लगी है। गेहूं की फसल तो पक भी गई है परन्तु किसान खेत में आने से कतराते हैं। छोटी मोहनपुर के दर्जनों किसानों से जब की तो उन लोगों ने अपना दर्द साझा किया। उन्होंने कहा कि अपराधियों के डर से हमलोग खेत पर फसल काटने नहीं जा रहे हैं। हमलोगों को धमकी दी जाती है कि अगर फसल काटने का प्रयास करोगें तो तुम लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ जायेगा। 

क्या कहते हैं किसान!

 किसान संजय मंडल व पवन मंडल कहते है कि उनका खेत गंगा के किनारे और कछार में कटिहार के मनिहारी बॉर्डर के पास पड़ता है। जहां वह सरसों, गेहूं और मक्के की खेती करते हैं। परन्तु फसल लगाने के बाद अपराधी उनके खेत पर धावा बोलकर लूट ले जाते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले ही उनलोगों के द्वारा सरसों लगाया था परन्तु फसल को इलाके के बदमाश काटकर ले गए। किसानों का आरोप है कि पुलिस भी कोई मदद नहीं करती है। 

अपराधियों की वजह से कर्ज में डूब जाते थे

वहीं किसान इतवारी मंडल ने बताया कि मेरा जो खेत कटिहार बॉर्डर पर दियारा इलाके में है, खेत को अब देखने भी नहीं जाते हैं। क्योंकि वहां पर अपराधियों ने कब्जा कर लिया है। बताया कि कर्ज लेकर खेती करते थे, फसल जब पक जाती है तो अपराधी काटकर लेकर जाते थे...जिस कारण हम लोग कर्ज में ही डूब जाते थे। गांव के लगभग दर्जनों किसान अब वहां खेती करना छोड़ दिए हैं। घर के पास ही जो खेत है उसी में अब हमलोग फसल लगाते हैं। उन्होंने बताया कि कई ऐसे किसान हैं जो खेती करना अपराधियों के डर से छोड़ चुके है।  मजदूरी कर अपना घर परिवार का भरण-पोषण कर रहे है।