डुमरांव रेलवे स्टेशन पर फर्स्ट एड की सुविधा नदारद, उपचार के लिए अस्पतालों की लगानी पड़ती है दौड़
केटी न्यूज/डुमरांव
दानापुर-बक्सर रेलखंड के डुमरांव रेलवे स्टेशन पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पिछले तीन माह के दौरान इस स्टेशन के आसपास ट्रेन की चपेट में आने से कई यात्री चोटिल हो गये। ऐसे यात्रियों को स्थानीय स्टेशन पर फर्स्ट एड की भी सुविधा नहीं मिल पाती है और उन्हें अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है। रेल विभाग ने इस स्टेशन को बी ग्रेड स्टेशनों में शामिल किया है। बावजूद यात्रियों की सुरक्षा के प्रति विभाग बेखबर बना है। इस स्टेशन पर न एम्बुलेंस की सुविधा है और न ही फर्स्ट एड की। ऐसी हालत में गंभीर जख्मियों को अस्पताल पहुंचाने में रेल पुलिस की मुश्किलें बढ़ जाती है। बताया जाता है
कि रघुनाथपुर से बक्सर रेलवे स्टेशन के बीच उपचार की बेहतर सुविधा नही है। साथ ही बक्सर के रेलवे अस्पताल में भी कोई खास सुविधा नही की गंभीर रोगियों को राहत मिल सके। लोगों का कहना है कि हर दिन कोई न कोई यात्री ट्रेन की चपेट में आकर चोटिल होता है, जिसका इलाज समय पर नही होने से जान तक भी गंवानी पड़ती है। रेलवे स्टेशन पर हादसे की खबर मिलने के बाद स्थानीय स्टेशन के आसपास रहने वाले समाजसेवी सहायता के लिए दौड़ पड़ते है।
यात्री कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह जख्मियों के इलाज के लिए अपना सबकुछ लगाते है। अस्पताल ले जाने के लिए वाहन, दवा और गंभीर रोगियों के परिजनों को सूचना भेजवाने तक भी काम स्वयं करते है। उन्होंने बताया कि कई बार एम्बुलेंस के आभाव में निजी वाहनों से जख्मी को अस्पताल पहुंचाने में उसकी सांसे टूट जाती है। इस स्टेशन पर हर दिन करीब दस हजार यात्रियों का आवागमन होता है लेकिन सुविधा नदारद है। यात्री कल्याण समिति की माने तो चिकित्सा सुविधा के नाम पर फर्स्ट एड का एक छोटा सा बॉक्स पैनल रूम में रखा गया है
ताकि अधिकारियों के आने पर उनकी नज़रे इस पर टिकी रहे। जानकार बताते है कि फर्स्ट एड बॉक्स में बैंडेज है तो रुई नही, रुई है तो दवा नही। इस परिस्थिति में जख्मी का प्राथमिक उपचार करना मुश्किल होता है जबकि डुमरांव स्टेशन से अनुमंडल अस्पताल की दूरी दो किलोमीटर है और दुर्घटना के बाद एसएम द्वारा जीआरपी को मेमो देना पड़ता है। इस प्रक्रिया में घंटो गुजर जाते है।