तिरंगा के अपमान पर भड़का विद्यार्थी परिषद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री का फूंका पुतला
- चेपॉक स्टेडियम में पाकिस्तान अफगानिस्तान मैच के दौरान तिरंगे के अपमान से नाराज थे परिषद कार्यकर्ता
केटी न्यूज/आरा
चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में वर्ल्ड कप 2023 के तहत पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच हुए मैच के दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा एक दर्शक से तिरंगा छिन उसे कूड़े में फेकने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। गुरूवार को आरा में इस मुद्दे पर आक्रोशित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने तामिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टॉलिन का पुतला फूंका। आरा ले त्रिभुवनी कोठी मोड़ पर आयोजित पुतला दहन के दौरान तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान जैसे गगनभेदी नारे लगा रहे थे। इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने तमिलनाडु पुलिस के द्वारा तिरंगे के अपमान का विरोध किया गया।
बता दें कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच 23 अक्टूबर को मैच खेला गया था। इस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी दर्शक से तिरंगा छीन कर कचड़े में फेक रहा है। परिषद के सदस्य छोटू सिंह ने कहा कि चेपॉक स्टेडियम में पुलिस द्वारा तिरंगे को कूड़ेदान में फेंकने और स्टेडियम में दर्शकों को तिरंगा ले जाने से रोकना तिरंगे का अपमान हैं। भारत के राष्ट्रीय ध्वज को कूड़ेदान में फेंकना न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि डीएमके द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान किया है। तमिलनाडु में पहले ही हिन्दू देवी देवता को अपमानित किया जा चुका है। देश की आन बान और शान तिरंगे का अपमान असहनीय है यह बहुत ही शर्मनाक है। एम के स्टालिन के पुत्र ने पूर्व में भी हिंदू और सनातन के बारे में उलटा पलटा बोलकर के पूरे देश का माहौल खराब किया। अभी जब भारत में क्रिकेट का वर्ल्ड कप मैच को रहा है वर्ल्ड कप के बारे में चर्चा हो रही है। उसे समय जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच में जब मैच शुरू होता है और भारत के प्रशंसक जब तिरंगा झंडा लेकर के मैच देखने जाते हैं तो वो उनसे छीन करके कूड़े में डाल दिया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि एम के स्टालिन का क्या मकसद है। तमिलनाडु में कभी तिरंगा का अपमान करते हैं कभी सनातन संस्कृति पर अपमान करते हैं कभी देवी देवताओं का अपमान करते हैं यह विद्यार्थी परिषद बर्दाश्त करने वाला नहीं है। पुतला दहन के दौरान विद्यार्थी परिषद ने वहां तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। परिषद नेताओं ने कहा कि ऐसा नहीं होने पर परिषद जल्दी ही राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन करेगी।