सतुआन पर गंगा स्नान करने वालों का लगा जमघट, मुश्तैद रहा प्रशासन, सुबह में बाधित हुई ट्रेफिक व्यवस्था

सतुआन पर गंगा स्नान करने वालों का लगा जमघट, मुश्तैद रहा प्रशासन, सुबह में बाधित हुई ट्रेफिक व्यवस्था
सतुआन पर गंगा स्नान करने वालों की उमड़ी भीड़

फसली त्योहार है सतुआन, सत्तू व आम के चटनी के लिए है विख्यात

केटी न्यूज/बक्सर

शुक्रवार को सतुआन का त्योहार धूम धाम से संपन्न हो गया। पूरे जिले में इस त्योहार पर सुबह में ही लोगों ने स्नान दान कर परंपरागत तरीके से चने व जौ के सत्तू व आम के टिकोले के साथ मुद्रा दान कर सत्तू व आम की चटनी का सेवन किया। इस मौके पर स्नान का विशेष महत्व है। जिस कारण अहले सुबह से ही बक्सर के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। दोपहर के पहले तक गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं से बक्सर का चप्पा-चप्पा गुलजार रहा। जिस कारण सुबह में ट्रेफिक व्यवस्था भी ध्वस्त हो गई थी। हालांकि गंगा घाटों के अलावे चौक चौराहों पर पुलिस प्रशासन मुश्तैद था। बावजूद बड़ी संख्या में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के कारण देर तक ट्रेफिक बाधित रहा। वही गंगा किनारे लोग स्नान के बाद श्रद्धालु जरूरतमंदों के बीच सत्तू, गुड़ आदि दान करते देखे गए। बक्सर के साथ ही सिमरी, चक्की व ब्रह्मपुर प्रखंडो से भी हजारों की संख्या में लोगों के गंगा स्नान करने की जानकारी मिली है। हालांकि इस दौरान जिले में कही से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। जिससे प्रशासन ने राहत की सांस ली है। वैसे प्रशासन द्वारा एहतियात के तौर पर कई तैयारियां की गई थी। रामरेखा घाट के अलावे अन्य घाटों पर दंडाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। ट्रेफिक कंट्रोल के लिए भी घंटो पुलिस के जवान मशक्कत करते दिखे। गंगा घाटनों के अलावे रेलवे स्टेशन, बस स्टेंशन आदि जगहों पर भी भीड़ देखी गई।

मीन से मकर राशि में प्रवेश करता है सूर्य

मकर संक्रांति का धार्मिक व पौराणिक महत्व भी है। प्रसिद्ध ज्योतिषि पंडित धनंजय चौबे ने बताया कि इस दिन सूर्य मीन से मकर राशि में प्रवेश करते है। 14 अपै्रल तक सूर्य अपने उतरायण होने का आधा सफर पूरा कर लेते है। इस दिन को ग्रीष्म ऋतु की शुरूआत माना जाता है। वही इस दिन से खरमास भी समाप्त होता है तथा शुभ लग्न शुरू हो जाते है। धनंजय ने बताया कि इस त्योहार का भारतीय संस्कृति में खास महत्व है तथा बड़े क्षेत्र में इसे मनाया जाता है। 

फसली त्योहार है सतुआन

देश में दिसंबंर से लेकर अप्रैल तक फसलों की कटाई होती है। इस दौरान कई फसली त्योहार मनाए जाते है। मकर संक्रांति से फसली त्योहारों की शुरूआत होती है तथा सतुआन तक चलता है। इस दौरान नयें फसलों को दान पूण्य के बाद प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जाता है। बता दें कि सतुआन के पहले तक चैती फसल कट जाती है। इस त्योहार को चना व जौ के उत्पादन के साथ ही आम में टिकोला लगने की खुशी में मनाया जाता है।