डुमरांव में धूमधाम से संपन्न हुई अंजान ब्रह्म बाबा की वार्षिक पूजारू
स्थानीय शहर के मुख्य सड़क स्टेशन रोड स्थित श्री अंजान ब्रह्म बाबा का वार्षिक पूजनोत्सव बुधवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। मंत्रोच्चार तथा अंजान ब्रह्म बाबा के जयकारे के साथ वार्षिक पूजनोत्सव सह मेला का भव्य रूप से आयोजन किया गया।
केटी न्यूज/डुमरांव
स्थानीय शहर के मुख्य सड़क स्टेशन रोड स्थित श्री अंजान ब्रह्म बाबा का वार्षिक पूजनोत्सव बुधवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। मंत्रोच्चार तथा अंजान ब्रह्म बाबा के जयकारे के साथ वार्षिक पूजनोत्सव सह मेला का भव्य रूप से आयोजन किया गया। भाद्रपद माह के पूर्णिमा के दिन बाबा का वार्षिक पूजन दशकों से किया जाता है।
अंजान ब्रम्ह बाबा का मंदिर लोक आस्था एवं धार्मिक केंद्र के रूप में अपना एक विशेष महत्व रखता हैं। पूजनोत्सव के दिन सुबह से ही भक्तों का बाबा के दरबार में आने का सिलसिला प्रारंभ हुआ, जो देर रात तक चलते रहा। वार्षिक पूजनोत्सव के साथ ही आयोजक मंडल द्वारा प्रसाद का भी वितरण किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल हो प्रसाद ग्रहण किया। वार्षिक मेले का बच्चों व महिलाओं ने जमकर लुफ्त उठाया। मंदिर समिति के सुदर्शन पाठक, गोकुल पाठक, अमरीश पाठक, विनय पाठक, चंदशेखर आजाद, संजय जायसवाल, अमन, विक्की, अजय, अमित, दीपक आदि ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि बाबा के धाम पर वर्षों पूर्व स्थानीय लोगों के
द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया था। अंजान ब्रम्ह बाबा में सिर्फ डुमरांव में ही नही बल्कि यूपी-बिहार कई गावों में पूरे क्षेत्र की जनता का श्रद्धा एवं विश्वास है। यहां जो भी आते हैं उनकी मनोकामना बाबा के महिमा से पूर्ण होता है। मंदिर के पुजारी अमरीश पाठक कहते है कि किसी भी परेशानी से पीड़ित व्यक्ति एक बार श्री अंजान ब्रम्ह बाबा के मंदिर में उनकी शरण में आ जाता है और उनके दर पर श्रद्धा एवं विश्वास के साथ अपना माथा टेकता है तो उसका कष्ट धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।
स्थानीय शहर के मुख्य सड़क स्टेशन रोड स्थित श्री अंजान ब्रह्म बाबा का वार्षिक पूजनोत्सव बुधवार को धूमधाम से संपन्न हुआ। मंत्रोच्चार तथा अंजान ब्रह्म बाबा के जयकारे के साथ वार्षिक पूजनोत्सव सह मेला का भव्य रूप से आयोजन किया गया। भाद्रपद माह के पूर्णिमा के दिन बाबा का वार्षिक पूजन दशकों से किया जाता है। अंजान ब्रम्ह बाबा का मंदिर लोक आस्था एवं धार्मिक केंद्र के रूप में अपना एक विशेष महत्व रखता हैं।
पूजनोत्सव के दिन सुबह से ही भक्तों का बाबा के दरबार में आने का सिलसिला प्रारंभ हुआ, जो देर रात तक चलते रहा। वार्षिक पूजनोत्सव के साथ ही आयोजक मंडल द्वारा प्रसाद का भी वितरण किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने शामिल हो प्रसाद ग्रहण किया। वार्षिक मेले का बच्चों व महिलाओं ने जमकर लुफ्त उठाया। मंदिर समिति के सुदर्शन पाठक, गोकुल पाठक, अमरीश पाठक, विनय पाठक, चंदशेखर आजाद, संजय जायसवाल, अमन, विक्की, अजय, अमित, दीपक आदि ने इस आशय की जानकारी देते हुए कहा कि बाबा के धाम पर वर्षों पूर्व स्थानीय लोगों के द्वारा मंदिर का निर्माण कराया गया था।
अंजान ब्रम्ह बाबा में सिर्फ डुमरांव में ही नही बल्कि यूपी-बिहार कई गावों में पूरे क्षेत्र की जनता का श्रद्धा एवं विश्वास है। यहां जो भी आते हैं उनकी मनोकामना बाबा के महिमा से पूर्ण होता है। मंदिर के पुजारी अमरीश पाठक कहते है कि किसी भी परेशानी से पीड़ित व्यक्ति एक बार श्री अंजान ब्रम्ह बाबा के मंदिर में उनकी शरण में आ जाता है और उनके दर पर श्रद्धा एवं विश्वास के साथ अपना माथा टेकता है तो उसका कष्ट धीरे-धीरे समाप्त हो जाता है।