पुरूखों की कीर्ति पर पीढ़ियों ने पोती कालिख, बेच डाली विद्यालय के लिए दान की गई जमीन
पूर्वजों ( पुरूखों ) की धरोहर को संभालना व उनके कीर्ति के सुयश को बनाए रखना हर पीढ़ी का कर्तव्य होता है। इतिहास में पुरूखों की कीर्ति को बचाने के लिए पीढ़ियों की संघर्ष की कई कहानियां चर्चित है, लेकिन डुमरांव अनुमंडल में एक ऐसी भी पीढ़ी देखने को मिली है, जिसने चंद रूपयों के लालच में अपने पुरूखों की कीर्ति पर ही कालिख पोतने जैसा काम किया है। लगे हाथ मैनेज के खेल में अंचल प्रशासन ने बिना कुछ पड़ताल किए सरकारी विद्यालय के लिए दान की गई जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज भी कर दिया है। अब मामला डीसीएलआर व एसडीएम के पास पहुंचा है।

-- नेहरू स्मारक युगल सिंह प्लस टू उच्च विद्यालय के दानकर्ता के वंशजों ने परिमार्जन प्लस से अपने नाम जमीन करवा बेचा
-- अंचल कार्यालय ने कर दिया है दाखिल खारिज, अब डीसीएलआर व एसडीएम के पास पहुंचा है मामला
-- राजस्व कर्मी पर जानबूझकर तथ्य छिपाकर दाखिल खारिज करवाने का लग रहा है आरोप
केटी न्यूज/डुमरांव
पूर्वजों ( पुरूखों ) की धरोहर को संभालना व उनके कीर्ति के सुयश को बनाए रखना हर पीढ़ी का कर्तव्य होता है। इतिहास में पुरूखों की कीर्ति को बचाने के लिए पीढ़ियों की संघर्ष की कई कहानियां चर्चित है, लेकिन डुमरांव अनुमंडल में एक ऐसी भी पीढ़ी देखने को मिली है, जिसने चंद रूपयों के लालच में अपने पुरूखों की कीर्ति पर ही कालिख पोतने जैसा काम किया है। लगे हाथ मैनेज के खेल में अंचल प्रशासन ने बिना कुछ पड़ताल किए सरकारी विद्यालय के लिए दान की गई जमीन को निजी व्यक्ति के नाम पर दाखिल खारिज भी कर दिया है। अब मामला डीसीएलआर व एसडीएम के पास पहुंचा है।
मामला अनुमंडल के मुगांव स्थित नेहरू स्मारक युगल सिंह प्लस टू उच्च विद्यालय के लिए दान की गई जमीन का है। इस जमीन के दानकर्ता मुगांव के हरिवंश राय व नरसिंह राय ने विद्यालय के खेल मैदान के लिए खाता संख्या 147, खेसरा 2875 में कुल 62 डीसमिल जमीन दान की थी, लेकिन उनके ही वंशजों ने गलत तरीके से परिमार्जन प्लस के सहारे जमीन को अपने नाम करा इसमें से 41.5 डिसमील जमीन स्व. छबिला राय के पुत्रों हीरा राय व भानु प्रताप राय को बेच दी।यहीं नहीं बल्कि राजस्व कर्मी राजू कुमार व अंचल अमीन नथुनी प्रसाद से मिलीभगत कर जमीन खरीदने वालों ने दाखिल खारिज वाद संख्या 214/2025-26 के द्वारा उक्त भूखंड का दाखिल खारिज भी करा लिया है।
इस मामले की जानकारी होते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों को लगा कि अब उनके पुरूखों की कीर्ति के रूप में खड़े गांव के प्लस टू उच्च विद्यालय का अस्तित्व ही मिटने वाला है। जिसके बाद ग्रामीणों ने डीसीएलआर व अन्य संबंधित अधिकारियों को आवेदन दे मामले की जांच व गलत तरीके से कराए गए नेहरू स्मारक युगल सिंह प्लस टू उच्च विद्यालय की जमीन के परिमार्जन व दाखिल खारिज को रद्द कर उसे पुनः विद्यालय के नाम से करने की गुहार लगाई।
इसकी जानकारी मिलते ही अंचल प्रशासन में भी हड़कंप मच गया है। अंचल प्रशासन इसके लीपापोती में जुट गया है।
-- राजस्व अधिकारी ने की दाखिल खारिज रद्द करने की अनुशंसा
इधर डीसीएलआर के निर्देश पर इस मामले की जांच करने वाले राजस्व अधिकारी कुमार दिनेश ने अपने पत्रांक 135, दिनांक 21 मई 2025 के तहत राजस्वकर्मी राजू कुमार से स्पष्टीकरण पूछने के साथ ही डीसीएलआर को दिए अपने जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट लिखा है कि क्रेता एवं राजस्वकर्मी द्वारा अंचल कार्यालय को गुमराह कर दाखिल खारिज कराया गया है। उन्होंने अपने प्रतिवेदन में यह भी जिक्र किया है कि राजस्व कर्मचारी द्वारा राजस्व अधिकारी को फंसाने की नियत से निजी स्वार्थ में आकर दाखिल खारिज करने की अनुशंसा की गई है। राजस्व अधिकारी ने अपने प्रतिवेदन में दाखिल खारिज को अवैध मानते हुए उसे रद्द करने की बात लिखी है।
-- ग्रामीणों में है आक्रोश
वहीं, मामला संज्ञान में आने के बाद ग्रामीणों ने गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यह विद्यालय उनके गांव के लिए गौरव सरीखा है। यहां प्लस टू तक की पढ़ाई होने से गांव के साथ ही आस पास के गांव के छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए दूसरे गांव में नहीं जाना पड़ता है। यह विद्यालय वर्षों से गांव में उच्च शिक्षा का अलख जगाने का काम कर रहा है, लेकिन चंद लोगों ने इसके अस्तित्व को मिटाने की साजिश की है, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, ग्रामीणों की मानें तो इस मामले में सिर्फ अंचल का राजस्वकर्मी ही नहीं बल्कि वरीय अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
बयान
नेहरू स्मारक युगल सिंह प्लस टू उच्च विद्यालय मुगांव की जमीन का गलत तरीके से जमाबंदी व दाखिल खारिज कराने की शिकायत मिली है। इस मामले की जांच की जाएगी। विद्यालय की जमीन का गलत तरीके से दाखिल खराजि कराने वालों तथा इसमें दोषी पाए गए कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। - राकेश कुमार, एसडीएम, डुमरांव