मकान सील करने पहुंचा बैंक प्रबंधन तो डिफाल्टर को आया होश ठिकाने
मंगलवार को डुमरांव में एक बैंक डिफाल्टर का मकान सील करने बैंक अधिकारी व मजिस्टेªट पहुंचे। अपने दरवाजे पर लाव लश्कर के साथ पहुंचे बैंक अधिकारी व मजिस्टेªट को देख उक्त डिफाल्टर को होश आया।
- डिफाल्टर ने पांच लाख रूपए जमा कर मजिस्ट्रेट से मांगी एक महीने की मोहलत, वर्ष 2016 में पीएनबी से कराया था 14 लाख का शीशी, अब राशि बढ़कर हो गई है 32 लाख
केटी न्यूज/डुमरांव
मंगलवार को डुमरांव में एक बैंक डिफाल्टर का मकान सील करने बैंक अधिकारी व मजिस्टेªट पहुंचे। अपने दरवाजे पर लाव लश्कर के साथ पहुंचे बैंक अधिकारी व मजिस्टेªट को देख उक्त डिफाल्टर को होश आया। पहले तो वह आरजू मिन्नत कर समय बढ़ाने की गुहार लगा रहा था, लेकिन वर्षों से बैंक को किश्त नहीं देने वाले उक्त डिफाल्टर के प्रति बैंक अधिकारियों ने जब कोई नरमी नहीं दिखाई तो वह कुछ समय देने की मांग किया। बाद में बतौर मजिस्टेªट पहुंचे डुमरांव अंचल के आरओ कुमार दिनेश के उसने पांच लाख रूपए का चेक तथा एक आवेदन दे एक महीने की मोहलत मांगी। मजिस्टेªट के पहल पर बैंक अधिकारी भी उसके इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार कर लिए।
मिली जानकारी के अनुसार डुमरांव के सुमित्रा कॉलेज के पीछे घर बनाकर रह रहे विनोद शर्मा ने डुमरांव स्थित पीएनबी की दूसरी शाखा से वर्ष 2016 में 14 लाख रूपए का सीसी कराया था, लेकिन वह वर्ष 2022 के बाद से एक भी किश्त जमा नहीं किया था। इस दौरान बैंक ने कई बार उसे नोटिस दे किश्त जमा करने का निर्देश दिया था। बावजूद उस पर कोई असर नहीं पड़ा।
जिसके बाद मंगलवार को बैंक प्रबंधक रविन्द्र कुमार व बतौर मजिस्टेªट आरओ कुमार दिनेश डुमरांव थाना की पुलिस टीम के साथ उसके दरवाजे पर मकान सील करने पहुंच गए।
इस संबंध में बैंक प्रबंधक रविन्द्र ने बताया कि उक्त उपभोक्ता ने मजिस्टेªट के हाथों पांच लाख रूपए का चेक दिया है, उसे एक महीने की मोहलत दी गई है। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी 2025 तक बैंक का कर्जा नहीं चुकाने पर उसका मकान सील कर दिया जाएगा।