चौसा के निर्माणाधीन थर्मल पॉवर प्लांट में नहीं थमा विरोध, मजदूरों के बाद किसानों ने कराया काम ठप
- सूचना पर पहुंचे एसडीओ व डीसपी, शुक्रवार को मजदूरों ने किया था उग्र आंदोलन,
केटी न्यूज/चौसा
चौसा में निर्माणधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर प्लांट में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को मजदूरों के उग्र आंदोलन से जहां काम ठप हुआ था वही शनिवार को किसानों ने भी मुख्य गेट को जाम कर काम बंद करा दिया। इसकी सूचना मिलते ही बक्सर एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र व सदर डीएसपी धीरज कुमार मौके पर पहुंचे। एसडीओ व डीएसपी ने आंदोलनकारी किसानों से देर तक वार्ता की, लेकिन किसान अड़े रहे।
जिसके बाद मुख्य गेट का रास्ता छोड़ धरना देने की बात कह अधिकारी वापस लौट गए। किसानों के इस तेवर से परियोजना का निर्माण कार्य पूरी तरह ठप पड़ गया। किसानों ने कहा इस बार गेट जाम तभी हटेगा, जब किसानो की मांगे पूरी हो जाएगी। वही पूरे दिन पांच थानों की पुलिस टीम प्लांट के आस पास तैनात थी। बता दें कि इसके पहले शुक्रवार को मजदूरों ने मजदूरी की मांग पर पूरे दिन काम ठप कराया था।
मिली जानकारी के अनुसार किसान 11 सूत्री मांगों को लेकर विगत पंद्रह दिनों से प्लांट के गेट पर धरना दे रहे है। गौरतलब है कि करीब दस दिन पहले प्रशासन द्वारा किसानों के साथ बैठक की गई थी। जिसमें किसानों के साथ कई मुद्दों पर सहमति बनी थी। लेकिन, किसानो का कहना है कि कंपनी व प्रशासनिक अधिकारी आश्वाशनों को अमली जामा नहीं पहना सकें है। किसानों ने स्पष्ट कहा कि इस बार एसटीपीएल का कोई उच्च अधिकारी व ऊर्जा मंत्रालय से कोई आयेगा, तभी जाम हटेगा।
केन्द्रीय मंत्री पर भी लगाया आरोप
थर्मल पॉवर प्लांट के पास धरना दे रहे किसानों ने केन्द्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि पिछले दिनों स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री के द्वारा 24 फरवरी की बैठक में आश्वाशन दिया गया था कि दो मार्च को समहरणालय परिसर में आरएनआर पॉलिसी के तहत किसान मजदूरों को 750 दिनों की मजदूरी के साथ किसान पहचान पत्र वितरित किया जाएगा।
लेकिन, केन्द्रीय मंत्री के इस घोषणा पर भी अमल नहीं हो सका। इससे साफ जाहिर है कि अब तक किसानों को केवल बरगलाने का कार्य किया जा रहा है। ऐसे में किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर किसानों द्वारा गेट जाम किया गया है।