गिरिराज ने बताया CAA से क्यों हो रहा पेट में दर्द,ममता, केजरीवाल और ओवैसी को अलग-अलग रोग

नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से इसके कारण पड़ने वाले असर को भांपते हुए विपक्षी दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।

गिरिराज ने बताया CAA से क्यों हो रहा पेट में दर्द,ममता, केजरीवाल और ओवैसी को अलग-अलग रोग
Giriraj Singh

केटी न्यूज़/बेगूसराय:पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश में CAA लागू हो गया है।नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से इसके कारण पड़ने वाले असर को भांपते हुए विपक्षी दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है।अब दूसरे देशों में सताए जा रहे गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों को सरकार भारत की नागरिकता देगी। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर सियासत तेज हो गई है और विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव में लाभ लेने के उद्देश्य से लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू किया है। विपक्ष के इस आरोप का केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह ने जवाब दिया है।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि ममता बनर्जी हो, केजरीवाल हों या ओवैसी हों सबके पेट में दर्द हो रहा है लेकिन सबकी दवा अलग-अलग है और सबका रोग भी अलग-अलग है।अरविंद केजरीवाल कह रहे हैं कि पाकिस्तान के लोगों को नागरिकता दी जा रही है लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि ये पाकिस्तान के लोग नहीं हैं बल्कि भारतवंशी हैं। वोट की लालच में ये लोग भारतवंशियों की दुर्दशा को नहीं समझ पा रहे हैं। 

गिरिराज सिंह ने कहा कि हमें पता है कि चार-पांच साल पहले कुछ लोग वीजा लेकर तीर्थ के नाम पर आए थे, उनका वीजा खत्म हो गया था लेकिन ये लोग जेल जाने को तैयार थे लेकिन किसी भी हाल में वापस पाकिस्तान नहीं लौटना चाहते थे। क्या ऐसे हिंदुओं को पाकिस्तानी कहा जा सकता है..? ये शर्णार्थी हैं और अगर इन शर्णार्थियों को भारत में जगह नहीं मिलेगी तो कहां मिलेगी..? अफगानिस्तान से जो सिख समुदाय के लोग आए, उन्हें भारत में नहीं मिलेगा तो कहां शरण मिलेगा..?

आगे उन्होंने कहा कि ओवैसी का दर्द अलग है और ममता बनर्जी-केजरीवाल का दर्द एक है। वोट की लालच में ये लोग देश की एकता और भारतवंशियों को भूल गए हैं। जिस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों उस देश का कोई भी भारतवंशी खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करेगा। पश्चिम बंगाल में मतुआ समाज के लोग निर्वासित जीवन जी रहे हैं। सरकार की तरफ से कोई लाभ उनको नहीं दिया जाता है। ममता बनर्जी को कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि उनके लिए कुछ करें।नागरिकता संशोधन कानून का सबसे ज्यादा विरोध ममता बनर्जी ने किया है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से आने वाले अवैध प्रवासियों का मुद्दा बहुत गर्म है।