IAS संजीव हंस को पद से हटाया गया, जानिए क्या है पूरा मामला

आईएएस संजीव हंस जो कि बिहार सरकार ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सीनियर को पद से हटा दिया गया है।

IAS संजीव हंस को पद से हटाया गया, जानिए क्या है पूरा मामला
IAS Sanjeev Hans

केटी न्यूज़/बिहार

आईएएस संजीव हंस जो कि बिहार सरकार ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सीनियर को पद से हटा दिया गया है।उन पर गैंगरेप और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।उनकी जगह ऊर्जा विभाग का चार्ज आईएस संदीप पौंड्रिक को दिया गया है।संजीव हंस को ऊर्जा विभाग से हटाने के बाद उनके पास के तमाम विभागों का चार्ज IAS संदीप पौंड्रिक को दिया गया है। ऊर्जा विभाग के साथ-साथ बिजली कंपनियों के सीएमडी का भी प्रभार दिया गया है। संदीप पौंड्रिक 1993 बैच के अफसर हैं।संजीव हंस के खिलाफ ईडी जांच कर रही है।

आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी की कार्रवाई 20 जुलाई और 21 जुलाई को की गई थी।।उनके सरकारी आवास, कार्यालय समेत अन्य ठिकानों पर सर्च किया था।बिहार सरकार को संजीव हंस को पद से हटाने में 11 दिन का वक्त लगा है। 

गैंगरेप पीड़िता ने आईएएस की काली कमाई और हवाला कनेक्शन के सबूत दिये है। हवाला के माध्यम से बड़े पैमाने पर पैसे का लेन देना होता था। पुलिस ने पीड़िता के हवाला के माध्यम से ब्लैक मनी के लेन देन के साक्ष्यों की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने अनुंसाधनकर्ता को इस संबंध में विशेष जांच का निर्देश दिया है।पीड़िता ऐसे ही संजीव हंस के हर काले कारनामे की राजदार बन गई। पटना पुलिस को उसने फ्लैट के कागजात दिए।खाता से लेनदेन का भी पूरा हिसाब किताब दिया है। प्रयागराज में भी खरीदे गए फ्लैट का पूरा सबूत पटना पुलिस को दिया गया है। पीड़िता को गिफ्ट में दी गई गाड़ी की भी जानकारी पुलिस को दी गई है।

सीनियर आईएएस संजीव हंस पर गैंगरेप के आरोप की जांच के दौरान पटना पुलिस को काली कमाई के कई बड़े साक्ष्य मिले हैं। इन साक्ष्यों को विजलेंस को दिया गया है, जिसके बाद एजेंसियों का एक्शन शुरू हो गया। संजीव हंस और गुलाब यादव के ठिकानों से कई ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिसमें राज्य के अन्य आईएएस अफसरों से लेन देन के सबूत हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने हंस और यादव के चार शहरों के 20 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर अहम सबूत जुटाए हैं।

हंस के ठिकानों से बरामद दस्तावेजों और कई अन्य कागजातों से बड़ी संख्या में लेनदेन से संबंधित हिसाब-किताब का खुलासा हुआ है। प्रदेश के कुछ दूसरे आईएएस समेत अन्य पदाधिकारियों से लेनदेन की बात का पता चला है। प्रवर्तन निदेशालय  ने हंस और यादव के चार शहरों के 20 ठिकानों पर रेड की थी।

ED को कई ऐसे सबूत मिले है, जिसमें संजीव हंस से जुड़े आईएएस अफसर और उनकी पत्नियां रडार पर हैं। ऐसे सबूतों से राज्य के अन्य आईएएस अफसरों पर शिकंजा कस सकता है। कई सीनियर आईएएस का खाता भी सामने आया है, जिसमें पैसा भेजा और मंगाया गया है। ऐसे साक्ष्य के आधार पर अब ED बड़ा एक्शन ले सकती है।बिहार के कई आईएएस अफसरों की कुंडली खंगाली जा रही है। बिहार के कुछ बड़े अधिकारियों और उनकी पत्नियों की महंगी शॉपिंग से लेकर महंगे गिफ्ट समेत अन्य सामानों के लेन देन का खुलासा हुआ है। अब इसकी जांच पड़ताल की जा रही है।ED की अगली कार्रवाई में बिहार के कई बड़े अफसरों पर एक्शन हो सकता है।