रबी महोत्सव में किसानों को दी गई रबी फसलों की बुआई व फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी

रबी महोत्सव में किसानों को दी गई रबी फसलों की बुआई व फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी

रबी महोत्सव में किसानों को दी गई रबी फसलों की बुआई व फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी

स्थानीय प्रखंड कार्यालय में रविवार को प्रखंड स्तरीय रबी महोत्सव सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उदघाटन स्थानीय विधायक डा अजित कुशवाहा ने फिता काटकर किया। इस दौरान किसानों को रबी फसलों की बुआई, उर्वरक प्रबंधन, फसलों के नवीनतम प्रजातियों की जानकारी के देने के साथ ही विशेष रूप से फसल अवशेष ( पराली ) प्रबंधन की जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने बताया कि धान की कटनी के बाद उसके अवशेष को जलाना नहीं है बल्कि उसी तरह से खेत की जुताई कर उसे मिट्टी में दबा देना है। ताकी वह सड़कर जैविक उर्वरक बन जाए। कृषि वैज्ञानिकों तथा पदाधिकारियों ने किसानों को जैविक खेती पर बल देने के लिए प्रेरित किया। वही विधायक अजित कुशवाहा ने भी किसानों को प्रेरित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में हमारा पर्यावरण लगातार दूषित हो रहा है। इसे बचाने के लिए जरूरी है कि हम फसल अवशेष प्रबंधन पर ध्यान दे तथा रसायनिक खादों के बदले जैविक खादों का उपयोग करें। महोत्सव के दौरान इस वर्ष विभिन्न तरह की खेती में बेहतर करने वाले पांच किसानों को सम्मानित भी किया गया। जिन किसानों को सम्मानित किया गया है उसमें मशरूम उत्पादन के लिए नंदन के सुनील साक्षी को, फुलगोभी उत्पादन के लिए करूअज के कृष्णा सिंह व नया भोजपुर के विमलेश यादव, काला चावल प्रजाति के लिए नोनियापुर के बिनोद प्रसाद तथा बासमती चावल के लिए छतनवार के ललू सिंह शामिल है। इन्हें अनुमंडल कृषि पदाधिकारी शेखर कुमार व आत्मा के उप परियोजना निदेशक बेबी कुमार द्वारा प्रशस्ति पत्र व मेडल दिया गया। महोत्सव में केवीके बक्सर के वरीय वैज्ञानिक हरि गोबिंद प्रसाद, डुमरांव बीडीओ संतोष कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी गोपाल प्रसाद, कृषि समन्वयक राजीव रंजन, विजय सिंह, मृत्यंुजय मिश्र, अरूण कुमार चतुर्वेदी, राजेश्वर प्रसाद, श्याम जी यादव समेत सभी किसान सलाहकार व प्रगतिशील किसान मौजूद थे।