सच साबित हुई केशव टाइम्स की आशंका, कोलिया ताल की कीमती जमीन पर लगी भू-मॉफियाओं की नजर
कोलिया ताल की कीमती जमीन पर भू-मॉफियाओं की नजर लग गई है। भू-मॉफिया इसके भू-भाग पर अवैध कब्जा के लिए मिट्टी डाल उस पर झोपड़ी भी लगा लिए है। जबकि नगर परिषद व अंचल प्रशासन बेफिक्र बना है। इस संबंध में पूर्व में केशव टाइम्स ने इस भू-भाग पर भू-मॉफियाओं द्वारा कब्जा करने की साजिश की खबर प्रकाशित की गई थी। केशव टाइम्स की यह आशंका सही साबित हो रही है।
- नया भोजपुर डुमरी रोड से जुड़ा है कोलिया ताल, नगर परिषद द्वारा कूड़ा फेके जाने से समतल हो गया है किनारा, अब भू-मॉफियाओं ने कब्जा की नियत से लगा ली है झोपड़ी
केटी न्यूज/डुमरांव
13 जुलाई 2024 को प्रकाशित की गई खबर
कोलिया ताल की कीमती जमीन पर भू-मॉफियाओं की नजर लग गई है। भू-मॉफिया इसके भू-भाग पर अवैध कब्जा के लिए मिट्टी डाल उस पर झोपड़ी भी लगा लिए है। जबकि नगर परिषद व अंचल प्रशासन बेफिक्र बना है। इस संबंध में पूर्व में केशव टाइम्स ने इस भू-भाग पर भू-मॉफियाओं द्वारा कब्जा करने की साजिश की खबर प्रकाशित की गई थी। केशव टाइम्स की यह आशंका सही साबित हो रही है। बता दें कि नगर परिषद प्रशासन द्वारा पूर्व में लंबे समय तक कोलिया ताल के किनारे कूड़ा डंप किया गया था। जिस कारण एक किनारे नदी का भाग लगभग सड़क के समतल हो गया है। वही, अब भू-मॉफिया इस जगह पर मिट्टी डाल झोपड़ी लगा लिए है। यदि प्रशासन व संबंधित लोग चुप रहे तो भू-मॉफिया पूरी तरह से इसे अपने कब्जे में ले लेंगे।
सुनियोजित तरीके से जमाया जा रहा है कब्जा
जानकारों का कहना है कि भू-मॉफियाओं का लंबे समय से इस भू-भाग पर नजर था। भू-मॉफियाओं ने जानबूझकर वहां कूड़ा फेंकवाया तथा बाद मे पहले तार से घेराबंदी कर कब्जा का प्रयास किया था। इस दौरान केशव टाइम्स ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया था, लेकिन नप प्रशासन से लगायत संबंधित विभाग व अधिकारी उदासीन बने रहे। वही, अब इस भू-भाग पर कब्जा करने वाले भू-मॉफियाओं ने उस पर मिट्टी डाल व झोपड़ी लगा कब्जा का खेल शुरू कर दिया है। जिससे स्थानीय निवासियों में आक्रोश गहराते जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि इसी तरह से नदी के किनारों का अतिक्रमण जारी रहा तो इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
बाढ़ आने पर विकराल हो जाएगी स्थिति
ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में इस नदी में भयंकर बाढ़ आत है, तब इसका पानी नया भोजपुर डुमरी रोड पर भी चढ़ जाता है। वही, जिस तरह से नदी के किनारे समतल बनाए गए है, उससे बाढ़ आने पर नया भोजपुर के गजरांवा इलाके में जलजमाव की समस्या गंभीर हो सकती है जबकि सड़क के एक बड़े हिस्से में भी बाढ़ का पानी चढ़ सकता है। इसके अलावे इस जगह पर दबाए गए कूड़ा कचरा समुचित निस्तारण के अभाव में कभी भी महामारी का रूप ले सकते है।
उदासीनता से बढ़ा है भू-मॉफियाओं का मनोबल
भू-मॉफियाओं द्वारा नदी के किनारे के भू-भाग पर अवैध कब्जा के प्रति प्रशासनिक सुस्ती से उनका मनोबल बढ़ा हुआ है। पिछले कुछ दिनों में ही नदी के भू-भाग पर अतिक्रमण का दायरा काफी बढ़ गया है। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे है। भू-मॉफियाओं के करतूत के प्रति प्रशासनिक सुस्ती से कई सवाल खड़े हो रहे है। ग्रामीणों ने नदी के भू-भाग की मॉपी करा अतिक्रमणमुक्त करने की अपील नगर परिषद प्रशासन से की है।
ऐतिहासिक नवरत्न गढ़ किला भी है अतिक्रमण की चपेट में
नया भोजपुर में सिर्फ कोलिया ताल के भू-भाग पर ही अतिक्रमण नहीं किया गया है, बल्कि परमार वंशीय शासक राजा भोज के ऐतिहासिक किला का भू-भाग भी अतिक्रमण की चपेट में है। वर्षों से किला के भू-भाग को अतिक्रमणमुक्त करा इसके अस्तित्व को बचाने की गुहार स्थानीय निवासी लगाते आ रहे है। इस किले में छिपे इतिहास का पता लगाने के लिए पुरातत्व विभाग से खुदाई करने की मांग भी की गई है। हाल ही में डुमरांव निवासी व भाजपा पंचायती राज मंच के प्रदेश संयोजक ओम प्रकाश भुवन ने भी इस किले के भू-भाग की मॉपी करा अतिक्रमणमुक्त करने की मांग की है। बावजूद अबतक राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे है।
कहते है चेयमैन प्रतिनिधि
अभी तक इस मामले की शिकायत नहीं मिली थी। जानकारी होने के बाद मामले की जांच करवा नदी के भू-भाग को अतिक्रमण मुक्त करवाया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही नगर परिषद की एक टीम मौके पर जांच पड़ताल के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। - सुमित गुप्ता, चेयरमैन प्रतिनिधि