मंदिरों को निशाना बना रहे अपराधी, तीन साल में करीब 15 मंदिरों में हुई चोरी की वारदात

मंदिरों को निशाना बना रहे अपराधी, तीन साल में करीब 15 मंदिरों में हुई चोरी की वारदात

- पुलिस के लिए चुनौती बन रहा चोरी का मामला, कई मामलों का नहीं हुआ उद्भेदन

केटी न्यूज/डुमरांव 

अनुमंडल इलाके के मंदिरों को अपराधी निशाना बनाने से गुरेज नही कर रहे है। पिछले तीन सालों से चोरों की नज़र देवी-देवताओं के मंदिरों पर गड़ी है। इस दौरान करीब 15 मंदिरों में चोरों ने घटना को अंजाम देकर लाखो रुपये के आभूषण, नगदी के अलावे कई बेशकीमती मूर्तियों पर हाथ साफ कर दिया है। हालांकि कई घटनाओं में पुलिस को सफलता मिली और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बेशकीमती मूर्तियों को बरामद करने में कामयाबी पायी है। डुमरांव के प्राचीन मंदिरों में शुमार नगर देवी मां काली मंदिर के परिसर से चोरों ने गुरुवार की रात सीसीटीवी को क्षतिग्रस्त कर करीब डेढ़ लाख रुपये के दो पीतल के घंटों की चोरी कर ली।

शुक्रवार की सुबह जैसे ही इसकी जानकारी लोगों को मिली तो वे मंदिर परिसर पहुंचने लगे तथा मंदिर के अध्यक्ष भगवानजी वर्मा द्वारा इसकी जानकारी स्थानीय थाने को दी गयी। मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी देर तक इसकी जांच-पड़ताल की तथा चोरों को जल्द पकड़ने का दावा किया। चोरों ने इस मंदिर परिसर से छठी बार चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। इसके पूर्व चोरों के दल ने पांच बार मे करीब चार लाख रुपये से अधिक के सोने व चांदी के आभूषण, बर्तन के अलावे नगदी को चुराया था लेकिन किसी भी चोरी मामले में पुलिस द्वारा ना गिरफ्तारी हुई और ना ही इसका उद्भेदन हो पाया।

समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्ष 2018 के जनवरी माह में चोरों ने दानपेटी तोड़कर 40 हजार की राशि चोरी कर ली थी। उसी तरह जुलाई 2017 में एक लाख से अधिक रुपये के आभूषण, 2016 के सितंबर में माता रानी के सोने की आंख, वर्ष 2015 में आभूषणों से भरे बक्से को चोर उठा ले गये, जिसमें करीब एक लाख रुपये से अधिक के जेवरात थे। इसके अलावे मंदिर के बर्तन और पीतल के घंटों को भी गायब कर दिया था। पिछले दिनों कृष्णाब्रम्ह थाना क्षेत्र के बड़का ढकाइच स्थित राम-जानकी मठ में स्थापित मूर्तियां चोरों द्वारा चोरी कर ली गयी थी।

इन मूर्तियों में राम, जानकी, लक्ष्मण, हनुमान सहित छोटे-बड़े सात मूर्तियां शामिल थी। आक्रोशित लोगों ने ढकाइच गांव के समीप फोरलेन सड़क पर टायर जलाकर आवागमन ठप कर दिया था। पुलिस की टीम ने पांच घंटे के बाद कोइलवर थाने के एक सुनसान सड़क से सभी मूर्तियों को बरामद करने में सफलता पायी तथा इसकी सूचना ग्रामीणों को दी गयी तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। नया भोजपुर ओपी थाने के चिलहरी गांव से भी मूर्ति चोरी की वारदात हुई थी। हालांकि पुलिस के दबिश के कारण अपराधियों ने दूसरे दिन झाड़ी में मूर्तियों को फेंक कर फरार हो गये थे, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया था।

पिछले दिनों पुराना भोजपुर के काली मंदिर के गेट का ताला तोड़कर मां की प्रतिमा का आंख सहित सोने-चांदी के आभूषण के साथ अपराधी 25 हजार नगदी रुपये चोरी कर फरार हो गये। घटना की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को मिली, ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि इस मंदिर में चोरों द्वारा चौथी बार घटना को अंजाम दिया गया।

सुरक्षा को लेकर सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये लेकिन अपराधी उसे भी उखाड़ ले गयी। चोरी की घटनाओं पर गौर किया जाये तो मठिया मंदिर पर भी चोरों ने धावा बोला था, जहां से करीब एक लाख रुपये के सामानों की चोरी हुई थी। सिमरी काली मंदिर से चोरों ने वारदात को अंजाम देकर 60 हजार रुपये के आभूषणों की चोरी कर ली तो डुमरांव के चर्चित जंगलीनाथ महादेव मंदिर के दानपेटी तोड़कर करीब 20 हजार रुपये की चोरी हुई थी।

ठठेरी बाजार के भगवती मंदिर पर भी चोरों की नजर पड़ी और ताला तोड़कर आभूषण सहित बीस हजार चढ़ावे की राशि लेकर चंपत हो गये। हर बार पुलिस संदिग्धों की पहचान करने का दावा करती लेकिन ना अपराधी पकड़े जाते है और ना हीं सामानों की बरामदगी। इसी तरह कोरानसराय व मुरार थाना क्षेत्रों में भी कई मंदिरों में चोरी की घटनाएं हुई।