मछुआरों की सूझबूझ से पुल से कूदी मां-बेटे की बची जान
वीर कुंवर सिंह पुल पर रविवार को जो हुआ, वह महज एक आत्मघाती कोशिश नहीं, बल्कि समय रहते बचाई गई दो जिंदगियों की कहानी बन गया। दोपहर के समय अचानक पुल से एक महिला अपने पांच वर्षीय बेटे को लेकर गंगा में कूद गई। पल भर में पुल पर अफरा-तफरी मच गई, लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही नीचे गंगा में मछली पकड़ रहे मछुआरों ने हालात की गंभीरता को भांप लिया।
केटी न्यूज/बक्सर
वीर कुंवर सिंह पुल पर रविवार को जो हुआ, वह महज एक आत्मघाती कोशिश नहीं, बल्कि समय रहते बचाई गई दो जिंदगियों की कहानी बन गया। दोपहर के समय अचानक पुल से एक महिला अपने पांच वर्षीय बेटे को लेकर गंगा में कूद गई। पल भर में पुल पर अफरा-तफरी मच गई, लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही नीचे गंगा में मछली पकड़ रहे मछुआरों ने हालात की गंभीरता को भांप लिया।बिना किसी हिचकिचाहट के मछुआरे नाव लेकर तेज़ी से घटनास्थल की ओर बढ़े और डूबते मां-बेटे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

यदि कुछ सेकंड की भी देरी होती, तो यह घटना एक दर्दनाक हादसे में बदल सकती थी। मछुआरों की तत्परता ने यह साबित कर दिया कि संकट के समय इंसानियत सबसे बड़ा हथियार होती है।घटना की जानकारी मिलते ही डायल 112 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और महिला व बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। चिकित्सकों के अनुसार दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि महिला उत्तरप्रदेश के बसंतपुर गांव की अनुसूचित बस्ती की रहने वाली है, हालांकि आत्मघाती कदम के पीछे के कारण अभी रहस्य बने हुए हैं।

पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। महिला से पूछताछ कर पारिवारिक, सामाजिक और मानसिक पहलुओं को खंगाला जा रहा है, ताकि यह पता चल सके कि आखिर एक मां को अपने मासूम बेटे के साथ ऐसा खौफनाक फैसला लेने के लिए क्या मजबूर होना पड़ा।इस घटना में मछुआरों की बहादुरी और मानवीय संवेदना ने यह संदेश भी दिया कि समय पर बढ़ाया गया एक हाथ, मौत को भी मात दे सकता है।
