जब अधिकारी के साथ ये हाल तो आम जनता का क्या होगा हाले वयान: ट्रेजरी अफसर का हत्या के प्रयास में पुलिस खाली हाथ

सोलह दिन बीत जाने के बाद भी ट्रेजरी अफसर सुकर पासवान से हुई मारपीट व उनके हत्या के प्रवास में पुलिस पूरी तरह से खाली हाथ है। कई मारपीट, हत्या के प्रवास, हत्या जैसे गंभीर अनसुलझे मामले की तह तक पुलिस चली जाती है। परंतु 16 दिनों में अधिकारी के साथ घर में घुसकर मारपीट की गई।

जब अधिकारी के साथ ये हाल तो आम जनता का क्या होगा हाले वयान: ट्रेजरी अफसर का हत्या के प्रयास में पुलिस खाली हाथ

- एफआईआर में नामजद एटीओ राजवंत सिंह से सीधे संपर्क में शिक्षा विभाग के .तथाकथित माफिया अजय सिंह व अरविंद सिंह में है

केटी न्यूज/बक्सर

सोलह दिन बीत जाने के बाद भी ट्रेजरी अफसर सुकर पासवान से हुई मारपीट व उनके हत्या के प्रवास में पुलिस पूरी तरह से खाली हाथ है। कई मारपीट, हत्या के प्रवास, हत्या जैसे गंभीर अनसुलझे मामले की तह तक पुलिस चली जाती है। परंतु 16 दिनों में अधिकारी के साथ घर में घुसकर मारपीट की गई। पुलिस एक भी सुराग निकलने में असफल रही है। अति संवेदनशील माने जाने वाले ट्रेजरी कार्यालय का सीसीटीवी कैमरा नहीं खंगाला गया। उनके घर के पास का सीसीटीवी पूरी तरह से नहीं निकाला गया।

सबसे आश्चर्य की बात है कि इस मारपीट में ट्रेजरी अफसर सुकर पासवान ने अपने एफआई आर में नाम दिया है। उसकी भूमिका की जांच नहीं जा रही है। वह व्यक्ति लगातार पुलिस अधिकारियों के साथ सीधे संपर्क में है। उनके कार्यालय कक्ष में बैठ रहे है। इससे पुलिस की कार्य शैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि एफआईआर में नामजद एटीओ राजवंत सिंह पुलिस पदाधिकारियों की सांठ-गांठ से पूरे मामले का रफा-दफा करने में लगे हुए है। विदित हो कि पिछले 25 अगस्त को ट्रेजरी अफसर के घर में घुसकर उनके साथ मारपीट की गई थी। उन्हें जान से मारने की नीयत से हबैड़े से वार किया था। गनीमत थी कि उनकी जान बच गई।

शिक्षा माफियाओं के संपर्क है राजवंत

ट्रेजरी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार एटीओ राजवंत सिंह शिक्षा विभाग के माफिया अजय सिंह व अरविंद सिंह के संपर्क में है। यदि पिछले दस दिनों के ट्रेजरी कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरा व उनके मोबाइल का डिटेल निकाला जाए। तब सारी कहानी स्पष्ट होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि पिछले 19 अगस्त को केशव टाइम्स ने इस बात की उजागर किया था कि ट्रेनरी के माध्यम से फर्स्ट आईडिया एजेंसी जो हाउस किपिंग का कार्य करती है। उसे बड़ी राशि भेजी गई थी। साथ ही यह भी सामने आया था कि सांसद सहयोगी सविंद सिंह का संबंध फर्स्ट आईडिया हाउसकिपिंग एजेंसी के साथ है।

इस बात को लेकर सांसद सहयोगी अरविंद सिंह काफी नाराज थे। उन्होंने केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक सहित अन्य वरीय अधिकारियों से शिकायत दर्ज करायी थी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि चूंकि यह बात ट्रेजरी से लिंक होने की शंका थी। इस कारण ट्रेजरी अधिकारी से भी नाखुशी थी। वहीं इस संबंध में पीड़ित सुकर पासवान का कहना है कि पुलिस अपना काम रही है। उन्हें इस बात की उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा।

क्या कहते है अधिकारी

मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। सीसीटीवी कैमरा की जांच की जा रही है। अपराधियों की जांच में लगे है। हर पहलू की गहनता से जांच हो रही है। जल्द ही सारे मामले से पर्दा उठा जाएगा। गौरव पांडेय, सदर एसडीपीओ बक्सर