भगवान वामन जन्मस्थली जल्द ही केन्द्रीय कारा परिसर से होगा मुक्त- भुवन
भगवान वामन की जन्मस्थली को केन्द्रीय कारा परिसर से मुक्त कराने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी बक्सर जिला का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन के नेतृत्व में शनिवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिला। प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष के साथ जिला महामंत्री लक्ष्मण शर्मा, धनंजय त्रिगुण और विनोद राय शामिल थे।

- बक्सर भाजपा का प्रयास से बिहार सरकार का अध्ययन दल करेगा जन्मस्थली की परिस्थितियों का अध्ययन
- बोले जिलाध्यक्ष विकास की विस्तृत कार्य योजना बनेगी
केटी न्यूज/बक्सर
भगवान वामन की जन्मस्थली को केन्द्रीय कारा परिसर से मुक्त कराने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी बक्सर जिला का एक प्रतिनिधिमंडल जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन के नेतृत्व में शनिवार को बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी से मिला। प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष के साथ जिला महामंत्री लक्ष्मण शर्मा, धनंजय त्रिगुण और विनोद राय शामिल थे।
प्रतिनिधि मंडल ने उपमुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें केंद्रीय कारा परिसर स्थित भगवान वामन के जन्मस्थली को कारा परिसर से अलग कर इसके पूर्ण विकास की मांग की गई। उपमुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को स्पष्ट किया की बहुत जल्द एक अध्ययन दल बनाकर भगवान वामन के जन्मस्थली की वर्तमान संरचना का अध्ययन किया जाएगा और इसकी एक विस्तृत कार्य योजना बनाकर भगवान वामन जन्मस्थली को पूर्ण रूप से विकसित किया जाएगा।
जिलाध्यक्ष भुवन ने इस संबंध में केशव टाइम्स को बताया कि उपमुख्यमंत्री ने स्वयं भी इस स्थल का जायजा लेने की बात कही है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही उपमुख्यमंत्री केंद्रीय कारा परिसर स्थित भगवान वामन जन्मस्थली का दर्शन करने के लिए बक्सर आएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बक्सर के पूर्ण विकास के लिए कृत संकल्पित है और एनडीए की डबल इंजन की सरकार ने बक्सर के भौतिक और आध्यात्मिक दोनों बिंदुओं के विकास कार्य को अपनी प्राथमिकता में रखा है।
प्रतिनिधि मंडल ने उपमुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट रूप से मांग की है कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान वामन की जन्मस्थली न केवल पूर्ण रूप से उपेक्षित है बल्कि एक प्रकार से देखा जाए तो केंद्रीय कारा में कैद है। यदि इस स्थल को केंद्रीय कारा परिसर से मुक्त कर इसका विकास किया जाता है तो यह सनातन प्रेमियों के धार्मिक आस्था के बड़े केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
इसके साथ ही देश के पर्यटन के मानचित्र पर भी बक्सर को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी। यह बक्सर के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।