निराहार रहकर आज हरितालिका तीज व्रत करेंगी सुहागिन महिलाएं
मंगलवार को सुहागिन महिलाएं निराहार रहकर हरितालिका तीज का व्रत करेंगी। इस दौरान अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जायेगी। अगले दिन यानी बुधवार को महिलाएं सूर्याेदय के बाद जल ग्रहण कर प्रसाद के पारण के साथ इस व्रत को समाप्त करेंगी। बताया जाता हैं कि तीज व्रत में महिलाएं शुद्धता का पालन करती हैं।

केटी न्यूज/डुमरांव
मंगलवार को सुहागिन महिलाएं निराहार रहकर हरितालिका तीज का व्रत करेंगी। इस दौरान अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जायेगी। अगले दिन यानी बुधवार को महिलाएं सूर्याेदय के बाद जल ग्रहण कर प्रसाद के पारण के साथ इस व्रत को समाप्त करेंगी। बताया जाता हैं कि तीज व्रत में महिलाएं शुद्धता का पालन करती हैं।
इस व्रत के लिए शक्ति, संयम और श्रद्धा की आवश्यकता होती हैं। यह पर्व धार्मिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं के लिए अद्वितीय धैर्य और तपस्या का प्रतीक माना गया हैं। व्रती सोलह श्रृंगार कर गुझिया, ठेकुआ आदि पकवान बनाती हैं। जो शिव परिवार पर चढ़ाया जाता हैं। इसके पूर्व अपने हाथों पर मेहंदी रचाती हैं। मेहंदी लगाने के लिए शहर के कई ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं की भीड़ देखने को मिली। मोबाइल पर नये डिजाइन की मेहंदी दिखाकर महिलाएं अपने हाथों पर पति का नाम भी लिखवाया।
पारंपरिक त्योहार के लिए बाजारों में भी श्रृंगार सामग्री की दुकानों पर महिलाओं ने खरीदारी की। चूड़ी मार्केट के दुकानदार कल्लू कुमार और मनीष कुमार ने बताया कि महिलाएं ज्यादातर अपने साड़ियों के अनुसार चूड़ियों की सेट बनवा रही हैं। सेट बनाने के लिए परिधान के रंग को प्रमुखता से लिया जाता हैं। पूजन को लेकर पूजा सामग्री की दुकानों पर खरीदारी हुई। इसके साथ ही भगवान पर चढ़ावे के लिए वस्त्रों की भी खरीदारी की गयी।
-- शिव के लिए पार्वती ने किया था व्रत
आचार्य पं. विंध्याचल ओझा ने बताया कि भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने की कामना के साथ माता पार्वती ने यह व्रत किया था। तब से महिलाएं पति की लंबी आयु और अपने परिवार के सुख-समृद्धि के लिए इस व्रत को करती हैं। इसकी परंपरा माता पार्वती के भक्ति, तपस्या और समर्पण को दर्शाती हैं। उस दिन शिव और पार्वती के स्वरूप पर बेलपत्र, धतूरा, अक्षत और फूलों से पूजा-अर्चना की जाती हैं। तीज व्रत पर अधिकांश शिव मंदिर गुलजार होते हैं और भगवान शिव मां पार्वती के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजयमान हो उठता हैं। सभी शिवालयों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती हैं।
-- हरितालिका तीज का शुभ मुहूर्त में करें पूजन
आचार्य ने बताया कि हरितालिका तीज पर शुभ मुहूर्त में पूजन से सर्वकल्याण होगा। हरतालिका तीज पर भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 25 अगस्त की दोपहर 12.35 से हो जाएगा, जबकि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का समापन 26 अगस्त को दोपहर 1.55 बजे हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज पर पहला ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4.27 से 5.12 मिनट तक रहेगा। फिर दूसरा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक मान्य है, जबकि तीसरा विजय मुहूर्त दोपहर में 2.31 से 3.23 बजे तक रहेगा। इन अवधि को पूजा-अर्चना और व्रत के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है।