नगर परिषद में विकास के नाम पर मची लूट में ताक पर गुणवत्ता, चार महीने पहले बनी सड़कें दरकी

सफाई एनजीओ के कार्य प्रणाली से नप अभी उबर नहीं पाया था कि पीसीसी सड़क में दरारे पड़ने और टूट कर बिखरने की शिकायत मिलनी शुरू हो गई है। जाहिर है, नगर परिषद में विकास के नाम पर मची लूट में गुणवत्ता को ताक पर रख दिया गया है। जिस कारण कुछ महीना पहले ढाली गई आरसीसी सड़कों में दरारे आ गई है।

नगर परिषद में विकास के नाम पर मची लूट में ताक पर गुणवत्ता, चार महीने पहले बनी सड़कें दरकी

- सड़क निर्माण कार्य में बरती जा रही है भारी पैमाने पर अनियमितता, लोगों में गहराने लगा आक्रोश 

- जेई की लापरवाही और संवेदक की मनमानी से बर्बाद हुई लाखों की योजना

केटी न्यूजडुमरांव  

सफाई एनजीओ के कार्य प्रणाली से नप अभी उबर नहीं पाया था कि पीसीसी सड़क में दरारे पड़ने और टूट कर बिखरने की शिकायत मिलनी शुरू हो गई है। जाहिर है, नगर परिषद में विकास के नाम पर मची लूट में गुणवत्ता को ताक पर रख दिया गया है। जिस कारण कुछ महीना पहले ढाली गई आरसीसी सड़कों में दरारे आ गई है।

यह सिर्फ एक सड़क की बात नहीं बल्कि पिछले कुछ महीनों में ढाली गई अधिकांश सड़कों में दरार आने या टूटने की शिकायत तेज हो गई है। जिस कारण लोगों में आक्रोश गहराने लगा है। लोगों का कहना है कि विकास के नाम पर आम जनता से अधिक फायदा नगर परिषद के ठेकेदार व जेई उठा रहे है। जनता की गाढ़ी कमाई को घटिया निर्माण के नाम पर लूटा जा रहा है।

डुमरांव नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र अंतर्गत वार्ड संख्या 11 के रानी पद्मिनी नगर कॉलोनी की सड़कों की हालत इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। महज चार माह पहले बनी गली नंबर 1, 2 और 3 की सड़कों पर दरारें पड़ने लगी है और सड़क टूटकर बिखरने की स्थिति में आने लगी है। जो निर्माण में भ्रष्टाचार की कहानी को बयां कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस सड़क निर्माण पर लाखों रुपए खर्च किए गए, उसमें चार महीने बाद ही दरार पड़ना भारी अनियमितता व मानक से खिलवाड़ की ओर इशारा कर रहा है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कार्य के दौरान नगर परिषद के कनीय अभियंता ने एक बार भी स्थल का निरीक्षण नहीं किया, जिसका लाभ कार्य कर रहे संवेदक ने उठाया और मनमानी तरीके कार्य कराया। नतीजतन सड़क जगह-जगह से दरारे पड़ने लगी है और आने वाले मॉनसून में स्थिति और भी खराब होने की आशंका जताई जा रही है। 

वहीं, गली नंबर 3 की सड़क का एक किनारा तो बालू लदे ट्रैक्टर के गुजरते ही टूट कर बिखर गया, इससे साफ जाहिर होता है कि निर्माण में मजबूती और टिकाऊपन को नजर अंदाज कर काम कराया गया है। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर ऐसी सड़क कैसे बनी जो मामूली भार भी सहन नहीं कर सकी। इस पूरे मामले पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार का कहना है कि संबंधित सड़कों की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर संवेदक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जबकि स्थानीय लोग इस बात की भी मांग कर रहे हैं कि भविष्य में सभी योजनाओं के स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाया जाए, ताकि कार्य की पारदर्शिता बनी रहे और जनता अपने पैसों के उपयोग की निगरानी कर सके। इस संबंध में जब जेई सोनू कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि तीनों सड़कों की जांच होगी। जांच के दौरान अगर अनियमितता मिली तो पुनः तोड़कर उसे बनवाया जाएगा, लेकिन सवाल उठता है कि जनता की गाढ़ी कमाई से दोयम दर्जे की सड़क बनाने व उसे फिर तोड़ नई सड़क बनाने में जो पैसे खर्च होंगे वह कहां से आएगा।

उठने लगी है जांच की मांग

इस मामले में डुमरांव के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता व सामाजिक मंच के प्रदीप शरण ने कहा कि डुमरांव नगर परिषद में चहुंओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि यदि सिर्फ नगर परिषद क्षेत्र में कुछ महीने पहले बनी सड़कों की निष्पक्ष जांच कराई जाए तो भारी पैमाने में लूट खसोट के प्रमाण मिल जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिना किसी मानक व गुणवत्ता के सड़कों का निर्माण कराया गया है।

जबकि जदयू के नगर अध्यक्ष गोपाल प्रसाद गुप्ता ने नगर परिषद क्षेत्र में कराए गए विकास कार्यों की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले को मुख्यमंत्री तक उठाया जाएगा तथा दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।