रोड बनना हुआ शुरू, अनशन समाप्त कर मनाई खुशी

किसी गांव या शहर के वार्डों में आने-जाने का रास्ता नहीं होने पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक गांव है राजा भोजन की नगरी से मशहूर नया भोजपुर, जहां आने-जाने का एक पक्की सड़क तक नहीं है। बरसात के दिनों में तो इस इन कच्ची सड़कों से गुजरना भी मुश्किल है।

रोड बनना हुआ शुरू, अनशन समाप्त कर मनाई खुशी

-- नया भोजपुर गांव में आने-जाने का पक्की सड़क बनाने को लेकर शुरू हुआ था आमरण अनशन

केटी/न्यूज डुमरांव  

किसी गांव या शहर के वार्डों में आने-जाने का रास्ता नहीं होने पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक गांव है राजा भोजन की नगरी से मशहूर नया भोजपुर, जहां आने-जाने का एक पक्की सड़क तक नहीं है। बरसात के दिनों में तो इस इन कच्ची सड़कों से गुजरना भी मुश्किल है।

गांव में रोड बनाने को लेकर विगत 26 जून 2025 से धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम चलाया जा रहा था, लेकिन काम लगाने का केवल आश्वासन मिल रहा था, जिससे धरना-प्रदर्शन आमरण अनशन में तब्दिल हो गया। बुधवार को एसडीओ ने धरना पद्रर्शन तोड़वाने को लेकर बीडीओ को भेजा था, लेकिन प्रदर्शनकारी एसडीओ को बुलाने की मांग कर रहे थे, फिर एसडीओ मनीष कुमार ने आमरण अनशन शिविर में पहुंच बताया की रोड बनाने का काम शुरू हो चुका है, इसलिये अनशन को समाप्त किया जाए।

अनशनकारी के साथ ग्रामीण बात को समझे, फिर एसडीओ ने आमरण अनशन पर बैठे धनंजय पांडेय को जूस पिलाकर अनशन तोड़वाया। अनशन टूटते ही ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई और सभी रोड पर उतर खुशी मनाने लगे। राजा भोज की नगरी से प्रशिद्ध गांव नया भोजपुर बीस हजार की अबादी को समेटे हुए है। यहां पर लोग राजा भोज का ऐतिहासिक किला देखने के लिये भी पहुंचते हैं, लेकिन रोड नहीं होने के कारण उन्हें परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं गांव के बच्चों और महिलाओं को कीचड़ और पानी भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है।

क्योंकि बरसात में सभी रास्तों पर पानी जमा हो जाता है और कीचड़ चारोतरफ फैल जाता है। यह गांव डुमरांव नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र में भी शामिल हो चुका है, बावजूद इसके विकास के लिये धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। गांव में जाने के लिये तीन रास्ते का चयन ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा किया गया है, जिसकी स्वीकृति भी मिल गई है, लेकिन काम नहीं शुरू हो सका है। इसी को लेकर भाजपा नेता के साथ ग्रामीणों ने 26 जून से धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम शुरू किया। कार्यक्रम शुरू होने के बाद ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता धरना-

प्रदर्शन स्थल पर पहुंच एक सप्ताह के भीतर रोड बनाने के काम लगाने की बात कह अनशन को तोड़वाना चाहा, लेकिन अनशनकारी द्वारा यह कहा गया की आप रोड बनाने के समान को साइट पर गिराइये, फिर कार्यक्रम को स्थगित किया जाएगा। समान नहीं गिरा तो धरना-प्रदर्शन 28 जून से आमरण अनशन में तब्दिल हो गया। इधर अनशनकारी की हालत बिगड़ते देख उसे पानी चढ़ाना पड़ा। फिर रोड बनाने का काम शुरू कर अनशन तोड़वाने के लिये एसडीओ पहुंच जूस पिला अनशन को तोड़वाया। अनशन टूटते ही सभी ग्रामीण रोड पर उतर जमकर जश्न मनाया।