ब्रह्म का ज्ञान करता है सनातन धर्म - गंगा पुत्र

ब्रह्म का ज्ञान करता है सनातन धर्म - गंगा पुत्र
रासलीला का मंचन करते कलाकार

- सिमरी में आकर्षण का केन्द्र बन गया है श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ

केटी न्यूज/ सिमरी

सनातन धर्म दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म है। इसी से सभी धर्मो की उत्पति हुई है। यह ब्रह्म का ज्ञान कराता है। उक्त बातें सिमरी में चल रहे श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ में प्रवचन के दौरान श्री श्री 1008 श्री गंगापुत्र जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कही। उन्होंने कहा कि हमारा सनातन धर्म सबसे पुराना सबसे अच्छा है। इसी के द्वारा ब्रह्म को जाना जा सकता है। स्वामीजी महाराज ने कहा कि हमारा सनातन धर्म 95 हजार करोड़ वर्ष पुराना है। स्वामीजी ने कहा कि ब्रह्म का ज्ञान दुलर्भ है तथा इसका मार्ग सनातन धर्म से ही होकर जाता है। उन्होंने कहा कि पहले धर्म को जानो तब ब्रह्म को जान सकते हो। उन्होंने भगवान शिव का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान शिव ने जय सचितानंद जग पावन कह कर प्रणाम किया। लेकिन मैया के अंदर संदेह हो गया कि अगर ये ब्रह्म होते तो अपनी पत्नी को लता पताओ से पूछते मेरी पत्नी कहा है। परीक्षा लेने के लिए सती ने भगवान के पीछे से सीता का रूप धारण कर के गई लेकिन भगवान तुरंत पहचान गए। देवताओं को ध्यान लगाना पड़ता है, ब्रह्म को ध्यान लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है।

तब शंकर देखही धरी ध्याना, सती जो किन्ह चरित सब जाना। ब्रम्ह को जानने के लिए संतो के पास जाना पड़ेगा,उनसे मंत्र लेकर भगवान को जाना जा सकता है, जैसे सुक्ष्मजीवों को देखने के लिए सुक्ष्मदर्शी यंत्र  का प्रयोग किया जाता है। वैसे ही भगवान को जानने के लिए मंत्र का प्रयोग किया जाता है। दूसरी तरफ इस महायज्ञ में हजारों श्रद्धालु हर दिन परिक्रमा कर रहे है। शुक्रवार को पूर्व मंत्री सह टिकारी विधानसभा के विधायक डा अनिल कुमार, बक्सर सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी, भोजपुरी के चर्चित गायक विनय मिश्र आदि महायज्ञ स्थल पहुंच पूज्य श्री गंगापुत्र जी से आशीर्वाद लिए। जबकि आयोजन समिति के डा हिमांशु पांडेय, तिलकधारी पांडेय, डा अरबिंद पांडेय, डा आलोक पांडेय समेत दर्जन कार्यकर्ता साधु संतो व श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर है। इधर हर दिन रामलीला व रासलीा का आयोजन भी किया जा रहा है। रासलीला में आज भगवान श्रृकृष्ण के जन्म का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं के करतल ध्वनियों तथा भगवान कृष्ण के जयकारे से इलाका गुंजायमान हो गया। महायज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं की आस्था देखते ही बन रही है।