जलभरी के बीच जय श्रीमननारायण के जयघोष से गुंजा रुपसागर, सात दिवसीय श्री लक्ष्मीनारायण महायज्ञ शुरू
- कल पहुंचेगे रूपसागर में पहुंचेगें जीयर स्वामी जी महाराज
केटी न्यूज़। नावानगर
स्थानीय प्रखंड के रुपसागर गांव में आयोजित श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के लिए रविवार को जलभरी सह शोभायात्रा निकाली गई। इसके साथ ही सात दिवसीय महायज्ञ की शुरु हो गई। जलभरी में घोड़े, हांथी व ऊंट समेत दर्जनों वाहन शामिल हुए थे। महायज्ञ के लिए शोभायात्रा निकालने से पहले यज्ञ मंडप में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विधिवत पूजन किया गया। उसके पश्चात यज्ञ के आचार्यों द्वारा मुख्य कलश की पूजा की गई।
इसके बाद यज्ञ स्थल से श्रद्धालु पंचधरवा पुल स्थित कांव नदी के लिए रवाना हुए। आगे-आगे हाथी-घोड़े, उसके पीछे श्रद्धालु चल रहे थे। जलभरी शोभायात्रा में महिला श्रद्धालु गीत मंगल गाती हुई कांव नदी पहुंची। इस दौरान जयघोष से पूरा क्षेत्र वातावरण भक्तिमय बन गया था।
शोभायात्रा यज्ञस्थल से निकलकर तुरांवखास, रुपसागर टोला एवं नावानगर बाजार होते हुए कांव नदी के किनारे पहुंची। जहां श्रद्धालुओं ने कलश में जल लेकर यज्ञस्थल पर वापस पहुंचकर यज्ञमंडप में प्रवेश किए। लक्ष्मी प्रपत्र जीयर स्वामी के सानिध्य में आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ 6 जनवरी तक चलेगी। प्रतिदिन सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक श्रीमद्भागवत व रामकथा विभिन्न आचार्यों द्वारा सुनाई जाएगी। इस महायज्ञ के लिए जलभरी शोभायात्रा में यज्ञ समिति के सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।
वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ जलभरीः
श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ के लिए जलभरी शोभायात्रा के पूर्व गजराज की विधिवत पूजा अर्चना की गई। इसके बाद कलश लेकर श्रद्धालुओं ने कांव नदी पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं ने स्नान किया। बाद में यज्ञाधीश अयोध्यानाथ स्वामी ही महाराज ने पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ कांव नदी तथा कलश की पूजन कराकर पवित्र जल भरा। इसके बाद श्रद्धालु कलश को सर पर रख यज्ञस्थल के लिए चल पड़े।