स्वच्छता पर्यवेक्षकों ने बैठक कर सम्माजनक मानदेय देने की मांग की, करेंगे आंदोलन
- षष्टम वित्त योजना के मद्देनजर जारी पत्र तहत मानदेय बढ़ाने का किया मांग
केटी न्यूज/डुमरांव
शुक्रवार को डुमरांव के जंगलीनाथ शिव मंदिर परिसर में स्वच्छता पर्यवेक्षकों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिले के विभिन्न पंचायतों के स्वच्छता पर्यवेक्षक सहित सफाईकर्मी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वच्छता पर्यवेक्षक संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश यादव ने व संचालन कोषाध्यक्ष संजय बारी ने किया। अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष ने
कहा कि वो सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलते हैं। सुबह पांच बजे से रात सात बजे तक विभिन्न पंचायतों की साफ सफाई का जिम्मा उनके कंधों पर है, लेकिन उन्हें उचित मेहनताना नहीं मिलता है। वहीं स्वच्छता संबंधित कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए यूजर चार्ज 30 प्रति माह की दर से वसूली की प्रक्रिया को गतिमान करने पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं कर्मियों की मानदेय में वृद्धि किया जाए साथ ही सभी पर्यवेक्षक एवं कर्मियों की लंबे समय से लंबित मानदेय की भुगतान किया जाए।
किसी का वेतन सात माह, किसी का पांच माह तो किसी का दस माह पर मिल रहा है। स्वच्छता पर्यवेक्षकों का पूरा परिवार इसी तनख्वाह पर आश्रित है। वहीं जिलाध्यक्ष ने बताया कि तनख्वाह भी इतनी कम है कि स्वच्छता पर्यवेक्षकों का पांच हजार और सफाई कर्मी का तीन हजार रुपया महीना है, जो कहीं से सम्मानजनक नही है, जबकि षष्टम वित्त आयोग में बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पत्र जारी कर यह स्पष्ट रूप से कहा गया है
कि स्वच्छता पर्यवेक्षक का मानदेय 20000 और पंचायती राज के पत्र में उन्हे संविदा पर रखने का भी आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी आदेशों को धत्ता बताते हुए उनकी मांगी को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो वो आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
इस दौरान संगठन की मजबूती व कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। इस दौरान मौके पर उपस्थित स्वच्छता पर्यवेक्षक और सफाईकर्मियों में सरोज शर्मा, राजेश कुमार, संतोष कुमार, प्रदीप कुमार, विजय यादव, बृज कुमार, संजय गोंड, रंजन सिंह, राकेश दुबे, प्रदीप कुमार, पप्पू कुमार और विजय कुमार सहित अन्य कई उपस्थित रहें।