आंधी और बारिश से फसलों को पहुंचा नुकसान, जिले में 6.8 एमएम हुई बारिश
- शनिवार की रात 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी हवा, किसानों की बढ़ी चिंता
केटी न्यूज/बक्सर
मौसम ने एक बार फिर से यू टर्न लिया है। शनिवार की रात जिले भर में तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश हुई है। जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है, बारिश से एक बार फिर से सर्दी बढ़ गई है। रबी फसलों की बुआई के साथ ही मौसम की मार से परेशान हो रहे किसानों की चिंता इस बारिश ने बढ़ा दी है।
जानकारों की मानें तो तेज हवा के साथ हुई बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। वही मौसम के जानकारों ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव होने से एक बार फिर से मौसम बदल हुआ है। बारिश के साथ तेज हवा के कारण गेहूं की फसल भी गिर गई है। जिससे उसके उत्पादन में काफी प्रभाव पडेगा।
मौसम की पूर्वानुमान के अनुसार जिले में 4 मार्च तक हवा के साथ तेज बारिश की संभावना है। इस दौरान 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना जताया गया है। आंधी पानी से गेहूं के साथ ही मसूर, चना के साथ गेहूं की फसल भी प्रभावित हुआ है।
4 मार्च तक बारिश की मौसम विभाग ने जारी किया है एलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र पटना से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार 2 से 4 मार्च के बीच बारिश कि संभावना जताया है। 30-40 किमी प्रति घंटा की गति से तेज हवाओं के भी चलने की संभावना है। मेघगर्जन, वज्रपात एवं ओलावृष्टि की स्थिति में जान-माल और पशुधन को नुकसान हो सकता है। वज्रपात, ओलावृष्टि एवं तेज हवाओं के कारण परिपक्वता पर पहुंच चुकी फसलों, फलों और सब्जियों को नुकसान हो सकता है।
कहते है कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक प्रमुख
वरीय वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ. देवकरन ने मौसम को देखते हुए किसानों को सावधानियां बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि कच्चे घरों और पशु-घर का भी नुकसान हो सकता है। लतेदार सब्जियों जैसे कद्दू, करैला, खीरा इत्यादि को नुकसान पहुंचेगा। वही सरसो के फूल, आम के मंजर तथा जिन गेहूं में बालिया निकल आई है,
उनके लिए भी यह बारिश नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि कद्दू और करेला जैसी सब्जियों की नर्सरी के बचाव के लिए उसे प्लास्टिक अथवा शेडनेट से ढक दें। मत्स्य पालक तालाब में पानी के स्तर को 6-8 फीट तक बनाए रखें। वानिकी एवं फल वर्गीय छोटे पौधों को झाड़ियों को प्लास्टिक से ढक दें। कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें।
ओलावृष्टि के बाद मौसम साफ हो जाने पर क्षतिग्रस्त फसलों पर 2 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव करें। पशुगृह के दरवाजे पर जूट या तिरपाल का पर्दा बांधे। स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता वज्रपात की अधिक सटीक जानकारी हेतु मोबाइल अप्लीकेसन दामिनी का उपयोग करें और समयानुसार ही अपने दैनिक खेती के कार्य करें।