डायरिया से मौत के बाद सजग हुए बनकट के ग्रामीण

बनकट गांव में फैले डायरिया के प्रकोप से स्थिति धीरे-धीरे भले ही समान्य हो रही है, लेकिन ग्रामीण आज भी दहशत में जी रहे हैं। डायरिया पीड़ित श्यामलाल राय की मौत के बाद ग्रामीण अब सजग हो गए है।

डायरिया से मौत के बाद सजग हुए बनकट के ग्रामीण

- एसडीओ से मिल नया मोटर पंप लगाने की करेंगे मांग, बैठक कर ग्रामीणों ने लिया निर्णय

केटी न्यूज/ डुमरांव

बनकट गांव में फैले डायरिया के प्रकोप से स्थिति धीरे-धीरे भले ही समान्य हो रही है, लेकिन ग्रामीण आज भी दहशत में जी रहे हैं। डायरिया पीड़ित श्यामलाल राय की मौत के बाद ग्रामीण अब सजग हो गए है। ग्रामीणों ने रविवार को काली मंदिर परिसर स्थित विशाल नीम के पेड़ के नीचे बैठक कर गांव में नया मोटर पंप लगवाने का निर्णय लिए। इसके लिए वे सोमवार को एसडीओ राकेश कुमार से मिल अपनी मांगों को रखेंगे तथा गांव में जल्दी नया मोटर पंप बनवाने की मांग करेंगे। बता दें कि बनकट में डायरिया एक सप्ताह से तांडव मचा रखा है। अबतक गांव के 100 से अधिक लोग इसकेे चपेट मंे आ चुके है तथा बनकट व महरौरा गांव को मिला कुल 3 लोगों की जान जा चुकी है।

बता दें कि यह गांव पहले पंचायत में हुआ करता था, अब नगर परिषद का अंग बन गया है, बावजूद यह विकास से कोसो दूर है। मुख्य सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है, सड़क पर जगह-जगह पानी जमा है। इतना ही नहीं गांव उत्तर व दक्षिण दिशा में आहर और पईन से घिरा हुआ है। इनमें सालोंभर पानी जमा रहता है। पानी से घिरा हाने के कारण पहले से ही उनमें बीमारी फैलने का डर बना हुआ था। बावजूद बचाव के लिए पंचायत ने कुछ नहीं किया, अब सबकी निगाहें नगर परिषद पर लगी हुई है। इधर रोग फैलने के बाद साफ-सफाई और दवा का छिड़काव नप ने शुरू कर दिया है।

बताते चलें की गांव में आंगनबाड़ी और प्राथमिक विद्यालय मौजूद है, जो जलजमाव से घिरा हुआ है। बच्चे पानी और कीचड़ से होकर आते और जाते हैं। ऐसे में गांव की स्थिति को समझा जा सकता है। गांव में ऐसा कोई सार्वजनिक भवन नहीं है, जिसमें ग्रामीण बैठ अपना सुख-दुख बांट सके। शहर से गांव में प्रवेश करने से पहले एक कालीजी का मंदिर है। इस मंदिर परिसर के बाहर खुले मैदान में पेड़ों की छांव में बैठ ग्रामीण आपसी बातचीत करते हैं। रविवार को बैठ ग्रामीण आपस में डायरिया बीमारी और मरने वालों की बात कर रहे थे। उनका चेहरा देखने से यह साफ जाहिर हो रहा था कि ये दहशत में हैं। गांव  के पूर्णमासी राय व वीरेन्द्र राय का कहना है कि गांव के आंगनबाड़ी व प्राथमिक विद्यालय परिसर बरसात के दिनों में पानी से घिर जाता है, जिससे छोटे बच्चों को परेशानी होती है। लालजी राजभर बताते हैं

कि गांव में लाईट की व्यवस्था नहीं होने से रात्री को गांव में अंधेरा फैल जाता है। गांव के शिवबली राजभर बताते हैं कि गांव को नप से जुड़े एक साल से अधिक का समय  गुजर गया, लेकिन नप का कोई नहीं आया, बीमारी फैलने के बाद सभी पहुंच हैं। इस संबंध में चेयरमैन सनीता गुप्ता व ईओ मनीष कुमार का कहना है कि गांव की सफाई ब्यवस्था पर पूरा ध्यान रखा गया है। ब्लीचिंग पावडर व एंटी लार्वा दवा का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं वार्ड पार्षद अनिल कुमार राय का कहना है कि गांव के विकास के लिए पंचायत स्तर से कोई प्रयास नहीं किया गया है। अब जबकि बनकट गांव अब नप का अंग बनकर वार्ड 16 बन गया है। बोर्ड की बैठक में गांव की विकास के लिए प्रस्ताव लिया जाएगा।