हाथरस केस के सूरजपाल बाबा 2000 में कर चुका है जेल की सैर,बच्ची को जिंदा करने का रचा था प्रपंच
सूरजपाल और हाथरस विवाद के बीच वह मामला सामने आया जिसमें सूरजपाल को साल 2000 में जेल की सैर करनी पड़ी थी।
केटी न्यूज़/हाथरस
हाथरस भगदड़ केस में पहली बार सूरजपाल का बयान सामने आया है जिसमें वह कह रहा है कि हम 2 जुलाई की घटना के बाद से बहुत ही व्यथित हैं।प्रभु हमें इस दुख की घड़ी से उबरने की शक्ति दे।सूरजपाल को कहते हुए देखा जा सकता है कि सभी शासन और प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें।हमें विश्वास है कि जो भी उपद्रवी हैं, उनको बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं अब सूरजपाल और हाथरस विवाद के बीच वह मामला सामने आया जिसमें सूरजपाल को साल 2000 में जेल की सैर करनी पड़ी थी।हाथरस में बाबा सूरजपाल के धार्मिक आयोजन में मची भगदड़ के बाद हुई दर्दनाक मौतों के चलते चर्चा में आए खुद को भोले बाबा कहलवाने वाला सूरजपाल 24 साल पहले जेल जा चुका है। मामले से जुड़े तत्कालीन पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक बार सूरजपाल ने मृत बच्ची को जिन्दा करने की कोशिश की बल्कि सिर्फ यह पूरा प्रपंच रचा कि बच्ची जिन्दा हो सकती है बल्कि इसके लिए बच्ची को दूध भी पिलाया।
भोले बाबा को पाखंड के केस में पहली बार जिस अधिकारी ने जेल की राह दिखाई थी उसने खास बातचीत में बताया कि सन 2000 में आगरा के शाहगंज थाने में जब वह एसएचओ थे, उन्हें भोले बाबा के बारे में सूचना मिली कि कोई बाबा एक मृत बालिका को जिंदा करने का प्रयास कर रहा है और मुँह में दूध डाल कर उसे जिंदा करने की कोशिश कर रहा है।पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लगभग 2 से 3 घंटे तक यह सब होता रहा।उस वक्त पुलिस मौके पर पहुंची और शाहगंज थाने के प्रभारी तेजवीर सिंह ने कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सूरजपाल को उसके पांच अनुयायियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।इस अधिकारी ने बताया कि तब इस पर चार्जशीट भी बनी थी।
वहीं हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार रात नजफगढ़ के एक अस्पताल से अरेस्ट कर लिया।मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम था क्योंकि वह हादसे के बाद से ही फरार था।